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इंदौर

अपने मोबाइल में चेक कर सकेंगे बॉडी टेंपरेचर, हार्टबीट, Spo2 लेवल, पल्स बीट, जानिए कैसे

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4 weeks ago
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इंदौर शहर के श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) कॉलेज के इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी और बायो मेडिकल डिपार्टमेंट के छात्रों और स्टाफ ने मिलकर एक स्मार्ट हेल्थ केयर डिवाइस बनाया है। 'डिजिटल स्टेथेस्कोप’ नामक यह डिवाइस लोगों को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने में मदद करेगी।

यह डिवाइस व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर, हार्टबीट, Spo2 लेवल और पल्स बीट देखने के लिए काम करेगी। इसके अलावा, यह डिवाइस एक रिपोर्ट भी जनरेट करेगा, जो बताएगा कि व्यक्ति स्वस्थ है या उसे डॉक्टर से जांच कराने की आवश्यकता है। इसके अलावा, रिपोर्ट भी जनरेट करेगी, जो बताएगी व्यक्ति नॉर्मल है या सीरियस।

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साइज छोटा होने से साथ रखना आसान

एसजीएसआइटीएस के डायरेक्टर प्रो. राकेश सक्सेना ने बताया, आइटी और बायो मेडिकल विभाग के शिक्षक व छात्रों ने मिलकर 'डिजिटल स्टेथेस्कोप’ बनाया है, जिसमें बॉडी टेंपरेचर, हार्टबीट, Spo2 लेवल, पल्स बीट देख सकते हैं। इस डिवाइस का साइज बहुत छोटा है। कोई भी व्यक्ति इसको आसानी से कहीं भी ले सकता है और रोजाना हेल्थ चेकअप कर सकता है। डिवाइस का टेस्ट कर चुके हैं, इसे मार्केट में जल्द ही लाने की योजना बना रहे हैं।

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मोबाइल में मिलेगी सारी जानकारी

विभाग के असिस्टेंट प्रो. विनय मनुरकर ने बताया, डिजिटल स्टेथेस्कोप के अकोस्टा को हटाकर उसको वायरलेस बनाया है। इस डिवाइस से चेस्ट पीस को दूर से भी रिकॉर्ड कर सकते हैं। इससे हार्टबीट, Spo2 लेवल और बॉडी टेंपरेचर रिकॉर्ड मोबाइल एप्लीकेशन में देख सकते हैं। इसमें पैरामीटर के साथ हाई व लो वैल्यू भी देख सकते हैं। गांव में बसे लोगों के लिए यह डिवाइस सबसे अच्छी है, जो लोग डॉक्टरों के पास नहीं जा पाते, वह भी रोज सुबह-शाम अपना स्वास्थ्य देख सकते हैं।

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पांच स्टूडेंट्स व प्रोफेसर ने मिलकर बनाई डिवाइस, डॉक्टर्स ने किया चेक

पूजा गुप्ता ने बताया, डिवाइस को बनाने में 5 स्टूडेंट्स व दोनों विभाग के प्रोफेसर ने मेहनत की है। बायो मेडिकल के 2 विद्यार्थियों ने हार्डवेयर और आइटी डिपार्टमेंट के 3 छात्रों ने सॉफ्टवेयर बनाने पर काम किया है। एमवाय अस्पताल के डॉक्टर्स ने डिवाइस को अपने स्टेथेस्कोप से चेक किया है। दोनों का रिजल्ट एक जैसा ही आया है।

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डिवाइस ऐसे करेगी काम

डिवाइस मोबाइल के जरिए काम करेगी। मोबाइल में देखने के लिए डिजी स्कोप एप को इंस्टॉल करना होगा, जिसमें व्यक्ति अपना नाम, उम्र, मोबाइल नंबर और जिस बीमारी को चेक करना है उसको सिलेक्ट करना होगा। यदि कोई व्यक्ति एक बीमारी की जानकारी चाहता है, तो वह भी मिलेगी।

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डिवाइस में 4 सेंसर लगाए

स्टेथेस्कोप में 4 बीमारियों को चेक करने के लिए 4 सेंसर यूज किए गए हैं। यह बैटरी से चलने वाली डिवाइस है। एक बार चार्ज करने में लगातार दो से तीन दिन तक जांच की जा सकती है। यदि कोई सेंसर खराब होता है तो बदले भी सकेंगे, जो आसानी से मार्केट में मिल जाएगा। डिवाइस बनाने में 2500 से 3000 हजार रुपए खर्च आया है।

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