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इंदौर

नौनिहालों की सुरक्षा के प्रति बेपरवाह हैं जिम्मेदार

नियम तोड़ते स्कूली वाहन : पुलिस, प्रशासन, आरटीओ, शिक्षा विभाग की अनदेखी

इंदौरApr 12, 2024 / 08:27 pm

रमेश वैद्य

नौनिहालों की सुरक्षा के प्रति बेपरवाह हैं जिम्मेदार
इंदौर. स्कूलों का नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन शहर में स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। शुरुआत दौर में ही नियम तोड़ते स्कूली वाहन देखे जा सकते हैं। वैन, रिक्शा में क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठाए जा रहे हैं। नियम विरुद्ध कई बसें भी दौड़ रही हैं।
हर साल स्कूली वाहनों की दुर्घटनाओं के मामले सामने आते हैं, लेकिन जिम्मेदार विभागों के अफसर इसकी ङ्क्षचता नहीं कर रहे हैं। स्कूल शुरू होने के बाद भी वृहद चेङ्क्षकग अभियान, जागरुकता कार्यक्रम, बैठकें नहीं की गई हैं। स्कूल बसों के लिए 22 ङ्क्षबदुओं के नियम बने हुए हैं, लेकिन इनका पालन करवाने में अधिकारी और स्कूल संचालक की रूचि नहीं दिखाई देती है।
बसों के लिए जरूरी नियम: फिटनेस परमिट बीमा, स्पीड गवर्नर, जीपीएस, कैमरा, रिफ्लेक्टर, वाहन पर शिकायत नंबर, हर साल गवर्नर सर्टिफिकेट रिन्यूअल फस्र्ट एड बॉक्स, बसों का ऑडिट, स्पीड रडार से गति जांच, फिटनेस के समय जीपीएस 10 दिन की रिपोर्ट, ड्राइवर-कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन, ड्राइवर-कंडक्टर का प्रशिक्षण।
लापरवाही…
नशेड़ी ड्राइवर ने ली जान
9 जनवरी 2024 को पलसीकर चौराहे पर रांग साइड आ रही बस ने दो लोगों को टक्कर मार दी। इसमें से एक की मौत हो गई। बस में बच्चे भी सवार थे। ड्राइवर नशे में था।
कई हादसों के बाद भी नहीं लिया सबक
नशे में डिवाइडर पर चढ़ाई बस: 4 जुलाई 2023 को निजी कॉलेज के विद्यार्थियों की बस बायपास पर अन्य वाहन से टकराते हुए डिवाइडर पर चढ़ गई। बस में 20 से 25 छात्र थे। ड्राइवर नशे में था।
बस में बैठे बच्चे, खरीदी शराब: जुलाई 2023 में वीडियो वायरल हुआ, जिसमें स्कूल बस इमली बाजार की शराब दुकान के पास रुकी। कंडक्टर ने शराब की बोतल खरीदी। राहगीरों ने कंडक्टर को जमकर लताड़ लगाई।
गेट खुलने से बच्ची घायल: 27 जून 2023 चलती बस का गेट खुलने से बच्ची घायल हुई। इस मामले में बस की खटारा हालत की पोल खुली थी। अब भी ऐसी बसों की आवाजाही आम है।
छात्राओं को कर रहा था परेशान: वर्ष 2023 में 7वीं से 10वीं तक की छात्राओं को स्कूल वैन चालक परेशान कर रहा था। चालक ने बच्चों का सोशल अकाउंट खुलवाया और अश्लील वीडियो भेजे।
ये विभाग ठीक से नहीं निभा पा रहे जिम्मेदारी
प्रशासन: हर साल कलेक्टर व एडीएम की अध्यक्षता में स्कूल संचालकों की बैठक होती है। कार्रवाई करना अफसरों का जिम्मा है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
शिक्षा विभाग: डीईओ व अन्य को परिवहन नियमों का पालन कराना है। स्कूलों में चेङ्क्षकग करने के लिए अधिकारी कभी नहीं पहुंचते हैं।
पुलिस: पुलिस का रवैया स्कूली वाहनों के मामले में नरम रहता है। स्कूल वैन, मैजिक व बसें नियम तोड़ते देखी जा सकती हैं।
परिवहन विभाग: स्कूल बसों के फिटनेस-परमिट आदि की प्रक्रिया विभाग से ही होती है। सुरक्षा इंतजाम विभाग को सुनिश्चित करना है। विभाग उदासीन है।
स्कूल: जिम्मेदारी संचालकों की है। बसों की कंडिशन बेहतर, ड्राइवर-कंडक्टर का व्यवहार, बच्चों-पालकों से फीडबैक जरूरी।
स्कूली वाहनों को गाइडलाइन का पालन करना है। विभाग का उडऩदस्ता स्कूली वाहनों की जांच कर रहा है। स्कूल खुलने के बाद कई वाहनों पर कार्रवाई की जा चुकी है जो आगे भी जारी रहेगी।
प्रदीप कुमार शर्मा, आरटीओ
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