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पहले गलत कामों व वस्तुओं की जगह तय थी
फिल्म कबीर सिंह और एकता कपूर के धारावाहिकों का उल्लेख करते हुए आचार्यश्री ने कहा, लगता है कि इन्हें सब कुछ करने की छूट मिली हुई है। यदि ऐसा है तो बेडरूम का दरवाजा क्यों बंद करते हैं? इनके निर्माताओं से पूछना चाहिए कि क्या वे अपनी मां-बहन के साथ बैठकर ऐसी फि ल्में या धारावाहिक देख सकते हैं। वीरमणि चंद्रप्रभ स्वामी जैन श्वेतांबर मंदिर व उपाश्रय ट्रस्ट ओएसिस टाउनशिप के चातुर्मासिक अनुष्ठान में उन्होंने समाजबंधुओं को संकल्प दिलाया कि वे कभी भी अपने मोबाइल या टीवी पर अश्लील फिल्में नहीं देखेंगे।
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पहले गलत कामों और वस्तुओं की जगह तय थी, पर अब तो हर जगह यहां तक कि ऑनलाइन भी गलत काम उपलब्ध होने लगे हैं। प्रारंभ में गुरुवंदना के बाद चातुर्मास आयोजन समिति के हिम्मतभाई गांधी, प्रकाश वोरा, कीर्तिभाई डोसी, हेमंत डिंगडांग, आशीष शाह ने आचार्यश्री व साधु-साध्वी भगवंतों की अगवानी की। कल्पक गांधी व यशवंत जैन ने बताया, प्रवचन सुबह 9 से 10 बजे तक हो रहे हैं।