MUST READ : बिजली कटौती : उपभोक्ताओं की शिकायत दूर होने पर ही कर्मचारियों को जाने देंगे अपने घर केंद्रीय बैंक की तरफ से केवाईसी के संशोधित जारी सर्कुलर में कहा गया है कि बैंकों को ऐसे किसी व्यक्ति के आधार प्रमाणीकरण या ऑफलाइन-सत्यापन की अनुमति दी जा सकती है, जो अपने आधार नंबर का स्वेच्छा से उपयोग करता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फरवरी में बैंक खाते खोलने और मोबाइल सिम की खरीदी के लिए पहचान प्रमाण के रूप में आधार के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देने के अध्यादेश को मंजूरी दी थी, लेकिन यह विधेयक राज्यसभा में पास नहीं हो सका।
MUST READ : एक बच्चे की दो-दो मां, फिर भी दोनों से दूर, जानें क्या है वजह अब आरबीआई ने कहा है किपैन या फॉर्म-60 जरूरी संशोधित केवाईसी मानदंडों में आगे कहा गया है पैन या फॉर्म नंबर-60 को अन्य संबंधित दस्तावेजों के अलावा लेना होगा। फॉर्म-60 उसे देना है, जिसके पास पैन नहीं है। मौजूदा बैंक खाताधारकों के लिए पैन या फॉर्म नंबर 60 को अधिसूचित समय-सीमा के भीतर देना होगा।
MUST READ : पति चिल्लाता रहा, कल्पना बचा लो मुझे, ये लोग मार डालेंगे और फिर हुआ ये … ऐसा नहीं करने पर खाता अस्थाई रूप से बंद होगा, जब तक कि पैन या फॉर्म नंबर-60 नहीं दिया जाता। हालांकि, खाता अस्थाई रूप से बंद करने के पहले ग्राहक को सूचना देकर सुनवाई का अवसर देना होगा। आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेजों की सूची में आधार संख्या को जोड़ दिया गया है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत लाभ या सब्सिडी प्राप्त करने के इच्छुक आधार दे सकते हैं और अपना ई-केवाईसी प्रमाणीकरण करवा सकता है। हालांकि गैर-डीबीटी लाभार्थी ग्राहकों के लिए विनियमित संस्थाओं को किसी भी ओवीडी की एक प्रमाणित प्रति लेना होगी, जिसमें ग्राहक की पहचान और पते के साथ हालिया फोटो हो।