करवा चौथ व्रत पूजन सामग्री
पीतल या मिट्टी का टोंटीदार करवा, करवा का ढक्कन , दीपक, रुई की बाती, कपूर, हल्दी, पानी का लोटा, करवा के ढक्कन में रखने के लिए गेहूं, लकड़ी का आसन, छलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलवा, पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लिए रुपए।
पीतल या मिट्टी का टोंटीदार करवा, करवा का ढक्कन , दीपक, रुई की बाती, कपूर, हल्दी, पानी का लोटा, करवा के ढक्कन में रखने के लिए गेहूं, लकड़ी का आसन, छलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलवा, पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लिए रुपए।
करवा चौथ तिथि
इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को 6.48 पर चतुर्थी तिथि लग रही है। अगले दिन चतुर्थी तिथि सुबह 7.29 तक रहेगी। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। सुबह 6.21 से रात 8.18 तक। इसलिए सरगी सुबह 6.21 से पहले ही खा लें।
इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को 6.48 पर चतुर्थी तिथि लग रही है। अगले दिन चतुर्थी तिथि सुबह 7.29 तक रहेगी। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। सुबह 6.21 से रात 8.18 तक। इसलिए सरगी सुबह 6.21 से पहले ही खा लें।
पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर महिलाएं शाम को चांद को अघ्र्य देकर व्रत को तोड़ती हैं। इस बार चांद 8.18 पर निकलेगा। अगर आप व्रत की कहानी सुनना चाहती हैं और पूजा करना चाहती हैं तो शाम 5.50 से 7.06 तक कर सकती हैं। पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त है। कुल मिलाकर एक घंटे 15 मिनट का मुहूर्त है। इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना अधिक मंगलकारी बना रहा है। यह योग बहुत ही मंगलकारी है और इस दिन व्रत करने से सुहागिनों को व्रत का फल मिलेगा। इस दिन चतुर्थी माता और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।
शाम 5.50 से 7.06
ये मुहूर्त एक घंटे 15 मिनट का है। सुबह 6.21 से रात 8.18 तक
उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट है।
चांद निकलने का समय 8.18 रात
ये मुहूर्त एक घंटे 15 मिनट का है। सुबह 6.21 से रात 8.18 तक
उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट है।
चांद निकलने का समय 8.18 रात