वेटलिफ्टिंग और पॉवर लिफ्टिंग जैसा खेल, जो आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी उपेक्षित सा है, उसे ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए जुनून की हद तक काम कर रहे हैं, श्रीराम स्पोट्र्स ग्रुप के संचालक और पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव दिनेश पालीवाल।
दिनेश पालीवाल कॉलेज में खुद वेट लिफ्टिंग किया करते थे। यही शौक आगे जाकर पैशन बन गया। कॉलेज में पढ़ते हुए खेलने के साथ ट्रेनिंग देने लगे। इसके बाद छोटे से कमरे में जिम शुरू किया। जब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जाने लगे तो तीन लाख से अधिक खर्च कर जिम को आधुनिक करवाया। इसके बाद रिंगरोड पर बड़ा जिम शुरू किया। जहां धीरे-धीरे सभी तरह की सुविधाएं जुटाईं और नेशनल लेवल की प्रतियोगिताएं भी करवाने लगे।
जिम की खासियत यह है कि यहां गुरु-शिष्य परंपरा से ही ट्रेनिंग दी जाती है। खिलाड़ी कोई भी हो लेकिन सबने एक नियम बना रहा है गुरु वंदना का। दिनेश पालीवाल को हर खिलाड़ी अपना गुरु मानता भी है और उसी तरह सम्मान और मान भी देता है।
दिनेश पालीवाल खुद भी खिलाड़ी रहे हैं और बाद में ट्रेनर भी। इन्होंने खेल की इस विधा में कई बड़े खिलाड़ी तैयार किए। इनमें 30 से 40 राष्ट्रीय स्तर के और 8 से 10 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं।
सेंटर के बड़े नामों में सुमित पालीवाल हैं जो पॉवर लिफ्टिंग में कॉमनवेल्थ तक पहुंचे और इंदौर के लिए मेडल लाए। धर्मेंद्र पालीवाल, जिन्होंने 34 साल बाद इंदौर विश्वविद्यालय के लिए वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीता था। मयूर जोशी ने यहीं से ट्रेनिंग ली और इंटरनेशनल चैंपियन हैं, अब नेवी के लिए खेलते हैं। कृष्णकांत जोशी रेलवे की तरफ से खेलते हैं और कई प्रतियोगिताएं जीत चुके हैं।
पालीवाल ने दो साल पहले सचिव पद संभाला और उसके बाद से इंदौर में लगातार कई बड़ी स्पार्धाएं करवा लीं। इसी साल दो बड़ी स्पर्धाएं आयोजित करवाईं। दोनों स्पर्धाएं नेशनल लेवल की थीं और इसमें प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की कई टीमों ने हिस्सा लिया।