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इंदौर

खेलों के लिए ऐसा जुनून कि खड़ा कर दिया मुफ्त सेंटर

एक गुरु ऐसे भी… गुरु पूर्णिमा विशेष…
मुफ्त ट्रेनिंग के साथ खिलाडिय़ों की आर्थिक मदद भी

इंदौरJul 16, 2019 / 11:11 am

Pawan Rathore

guru purnima special

dinesh paliwal

पवन सिंह राठौर, इंदौर।

मधुबन खुशबू देता है, सागर सावन देता है…
जीना उसका जीना है, जो औरों को जीवन देता है…

ये पंक्तियां शायद इस शख्स के लिए सटीक बैठती हैं। यूं तो इंदौर में ऐसे कई शख्स हैं, जो अपनी ऊर्जा लगाकर बच्चों और युवाओं का करियर गढ़ रहे हैं, लेकिन ये उनसे थोड़ा अलग इसलिए हैं कि ये न केवल खिलाडिय़ों में जोश और जुनून भरते हैं, बल्कि जब देखते हैं कि आर्थिक तंगी उसके करियर के आड़े आ रही है तो उससे लडऩे की प्रेरणा देते हुए खुद भी साथ खड़े हो जाते हैं।
खेलों के लिए इतना ज्यादा समर्पण है कि खिलाडिय़ों को मुफ्त में सारी सुविधाएं दे रखी हैं। खिलाड़ी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दम-खम दिखा रहे हैं। ऐसी किसी प्रतियोगिता के लिए खिलाडिय़ों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी होती है उसे भी दूर कर देते हैं। मन में केवल एक ही भाव, एक ही इच्छा, मेडल लेकर जरूर आना।
वेटलिफ्टिंग और पॉवर लिफ्टिंग जैसा खेल, जो आज प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी उपेक्षित सा है, उसे ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए जुनून की हद तक काम कर रहे हैं, श्रीराम स्पोट्र्स ग्रुप के संचालक और पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन के सचिव दिनेश पालीवाल।
रिंगरोड पर बेशकीमती जमीन पर वेट और पॉवर लिफ्टिंग के लिए पूरी सुविधा वाला जिम खड़ा कर दिया। यहां आने वाले खिलाडिय़ों से ट्रेनिंग का पैसा भी नहीं लेते, बल्कि तैयार खिलाडिय़ों को धनाभाव के कारण यदि किसी स्पर्धा में जाने या भाग लेने में बाधा आती है तो वह भी दूर करते हैं। इनके समर्पण का नतीजा है आज इस जिम से प्रदेश और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर खिलाड़ी इंदौर का गौरव बढ़ा रहे हैं। प्रदेश स्तरीय ही नहीं बल्कि कई नेशनल स्पर्धाएं भी यहां करवा चुके हैं, जिनमें भाग लेने के लिए खिलाडिय़ों से नाममात्र का शुल्क लिया जाता है और बदले में रहने-खाने की सारी सुविधाएं मिलती हैं।
कॉलेज का शौक, बना पैशन
दिनेश पालीवाल कॉलेज में खुद वेट लिफ्टिंग किया करते थे। यही शौक आगे जाकर पैशन बन गया। कॉलेज में पढ़ते हुए खेलने के साथ ट्रेनिंग देने लगे। इसके बाद छोटे से कमरे में जिम शुरू किया। जब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जाने लगे तो तीन लाख से अधिक खर्च कर जिम को आधुनिक करवाया। इसके बाद रिंगरोड पर बड़ा जिम शुरू किया। जहां धीरे-धीरे सभी तरह की सुविधाएं जुटाईं और नेशनल लेवल की प्रतियोगिताएं भी करवाने लगे।
हर खिलाड़ी देता है गुरु को मान
जिम की खासियत यह है कि यहां गुरु-शिष्य परंपरा से ही ट्रेनिंग दी जाती है। खिलाड़ी कोई भी हो लेकिन सबने एक नियम बना रहा है गुरु वंदना का। दिनेश पालीवाल को हर खिलाड़ी अपना गुरु मानता भी है और उसी तरह सम्मान और मान भी देता है।
तैयार किए सौ से अधिक खिलाड़ी
दिनेश पालीवाल खुद भी खिलाड़ी रहे हैं और बाद में ट्रेनर भी। इन्होंने खेल की इस विधा में कई बड़े खिलाड़ी तैयार किए। इनमें 30 से 40 राष्ट्रीय स्तर के और 8 से 10 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं।
किया इंदौर का नाम
सेंटर के बड़े नामों में सुमित पालीवाल हैं जो पॉवर लिफ्टिंग में कॉमनवेल्थ तक पहुंचे और इंदौर के लिए मेडल लाए। धर्मेंद्र पालीवाल, जिन्होंने 34 साल बाद इंदौर विश्वविद्यालय के लिए वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीता था। मयूर जोशी ने यहीं से ट्रेनिंग ली और इंटरनेशनल चैंपियन हैं, अब नेवी के लिए खेलते हैं। कृष्णकांत जोशी रेलवे की तरफ से खेलते हैं और कई प्रतियोगिताएं जीत चुके हैं।
इसी साल दो बड़ी प्रतियोगिताएं
पालीवाल ने दो साल पहले सचिव पद संभाला और उसके बाद से इंदौर में लगातार कई बड़ी स्पार्धाएं करवा लीं। इसी साल दो बड़ी स्पर्धाएं आयोजित करवाईं। दोनों स्पर्धाएं नेशनल लेवल की थीं और इसमें प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की कई टीमों ने हिस्सा लिया।

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