– जेब्रा क्रॉसिंग बनाना।
– स्टॉप लाइन डालना।
– वाहनों की लेन के लिए लाइन डालना।
– डिवाइडर्स पर सफेद, काले और पीले पट्टे डालना।
– सेंटर मार्किंग करना।
– यातायात संकेतक लगाना।
– पार्किं के लिए रोड के दोनों साइड पर मार्किंग करना।
– यातायात नियम के लिए सूचना बोर्ड लगाना।
– सड़क पर डिवाइडर बनाना।
– दिशा संकेतक बोर्ड लगाना।
– रोड के बीच कैट आई लगाना।
निगम ने जहां रिफ्लेक्टर लाइट्स लगाने की प्लानिंग स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत की है, वहीं इस तरह की लाइट्स लगाने का प्रयोग निगम पहले कर चुका है। कुछ सड़कों पर ये लाइट्स लगाई गईं, जो थोड़े दिनों तक तो रात में चमकती रही, लेकिन मेंटेनेंस न होने और अनदेखी के चलते निकलने लगीं। इस पर निगम ने भी ध्यान नहीं दिया और धीरे-धीरे ये लाइट्स गायब हो गईं। अब फिर से लाइट्स लगाई जा रही हैं।
अभी सड़क किनारे रिफ्लेक्टर सुपर कॉरिडोर पर लगे हैं, जो रात में बहुत खूबसूरत लगते हैं। इसके साथ ही यातायात भी सुगम तरीके से चलता है। सड़कों पर रिफ्लेक्टर लगाने की प्लानिंग है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यातायात से संबंधित अन्य कई काम भी होंगे। इसके लिए महापौर-आयुक्त के निर्देश पर टेंडर जारी कर दिए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू होगा।
अनूप गोयल, कार्यपालन यंत्री, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट