एएसपी शैलेंद्रसिंह चौहान के मुताबिक, डॉ. बाहेती को धमकाने के मामले में पहले सूरज सेन दुबे निवासी मुंबई को पकड़ा था। आरोपी मुंबई के बदमाश प्रथमेश परब के नाम से डॉ. बाहेती को फोन कर तथा एसएमएस के जरिए धमका रहा था। जब प्रथमेश परब उर्फ सूरज सेन को पकड़ा तो पता चला कि वह पहले भी कई लोगों को धमका चुका है। उस पर तीन केस दर्ज है। सूरज ने बताया कि उसे मुंबई निवासी चिराग जोशी ने वसूली का ठेका दिया था। अहमदाबाद के जगदीश पटेल को एसटीआई कंपनी से 35 करोड़ लेना था, कंपनी संचालक प्रशांत अग्रवाल को धमकाया तो उन्होंने डॉ. बाहेती का नाम बताकर उनका नंबर दे दिया। जगदीश ने वसूली का काम किसी सूरज के जरिए चिराग को सौंपा और चिराग ने सूरज को काम दिया था। एसआई शैलेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम आरोपी सूरज को लेकर मुंबई गई तो वहां चिराग जोशी पिता जयशंकर जोशी निवासी न्यू गोल्डन वेस्ट भाईंदर इस्ट को पकड़ लिया।
45 करोड़ के लेनदेन का विवाद एएसपी चौहान ने बताया, धमकी के लिए आरोपी सूरज को चिराग ने ही मोबाइल सिम भी दी थी। 45 करोड़ के लेन-देन का विवाद कोर्ट में भी है जबकि चिराग का कहना है, जगदीश पटेल को 1998 से 2007 के बीच कंपनी से 390 करोड़ लेना है। 5 लाख के लेन-देन में सूरज उसे धमका रहा था। वह 50 हजार ले भी चुका है। सूरज की धमकी से बचने के लिए उसने उसे जगदीश से मिलवाया था। उधर, डॉ. बाहेती ने प्रशांत अग्रवाल पर कार्रवाई की मांग की है। मुंबई में वह नहीं मिला, लेकिन अपना पक्ष रखने बुधवार को इंदौर आने की बात कहीं है।