विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने ट्रम्प कार्ड चलते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की सभा रखी थी। पार्टी ने व्यवस्था के हिसाब से मंच पर रहने वालों की अलग तो एयरपोर्ट पर अगवानी करने वालों की अलग सूची बनाई थी। इस बात का भान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को नहीं था।
दिल्ली से रवाना होने की खबर लगने के बाद वे मंच से उतरकर एयरपोर्ट जाने के लिए रवाना हुए। उन्हें जाते देख एक अफसर ने रोक दिया। कहना था कि भाई साहब आपका नाम एयरपोर्ट की सूची में नहीं है। ये सुनकर वे चौंक गए। तब अफसर ने बताया कि आपका नाम यहां पर मंच पर रहने वालों की सूची में दिया गया है।
उन्होंने पूछ लिया कि किस-किस का नाम है? तब मालूम पड़ा कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, जयपालसिंह चावड़ा, गोपीकृष्ण नेमा, बाबू सिंह रघुवंशी, कृष्णमुरारी मोघे, देवराजसिंह परिहार, जीतू जिराती, शंकर लालवानी, कविता पाटीदार, गुलाब ठाकुर व कमल वर्मा के नाम हैं। इस पर विजयवर्गीय ने वहीं रुकना मुनासिब समझा। बाद में जब सभा खत्म हो गई तो वे मोदी के काफिले में एयरपोर्ट तो पहुंच गए, लेकिन रनवे तक नहीं जा सके। उन्हें एसपीजी ने एयरपोर्ट पर ही रोक दिया।
बंद करवाई फैक्टरी
कल दोपहर ३.३० बजे के करीब विजयवर्गीय सभा स्थल का दौरा करने पहुंचे। वे जब पहुंचे तो मिर्ची-मसाले की धांस उड़ रही थी। नगर महामंत्री मुकेश राजावत ने बताया कि पास में मसाले की फैक्टरी है। इस पर विजयवर्गीय ने उसे तुरंत बंद कराने को कहा। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर फैक्टरी का काम रोक दिया। कहना था कि पीएम के जाने के बाद प्रोडक्शन शुरू किया जाए।
प्रत्याशियों से मांगा आईडी कार्ड, बवाल
पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी ने मंच पर एंट्री करने वाले गेट पर कई विधायकों को रोक दिया। साफ कर दिया कि अपना आई कार्ड दिखाओ तब अंदर जाने देंगे। कहना था कि सुरक्षा से साथ कोई समझौता नहीं होगा। इसको लेकर बवाल हो गया। ये बात सभा के प्रभारी कमल वाघेला तक पहुंची उन्होंने तुरंत अधिकारियों से बात की। इस पर उनका कहना था कि हम पहचानते नहीं हैं। तब तय हुआ कि जवाहर मंगवानी, प्रकाश राठौर और सतीश कौशल को गेट पर खड़ा किया जाए ताकि आने वालों को पहचानकर एंट्री करा सके।
पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी ने मंच पर एंट्री करने वाले गेट पर कई विधायकों को रोक दिया। साफ कर दिया कि अपना आई कार्ड दिखाओ तब अंदर जाने देंगे। कहना था कि सुरक्षा से साथ कोई समझौता नहीं होगा। इसको लेकर बवाल हो गया। ये बात सभा के प्रभारी कमल वाघेला तक पहुंची उन्होंने तुरंत अधिकारियों से बात की। इस पर उनका कहना था कि हम पहचानते नहीं हैं। तब तय हुआ कि जवाहर मंगवानी, प्रकाश राठौर और सतीश कौशल को गेट पर खड़ा किया जाए ताकि आने वालों को पहचानकर एंट्री करा सके।
तीन क्ंिवटल का डायस
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए एसपीजी अपने साथ विशेष डायस लेकर आई थी। करीब तीन क्ंिवटल के वजन वाले डायस को मंच पर चढ़ाने में पसीना छूट गया। जबकि इसे अलग-अलग हिस्सों में लाया गया था। यही हाल खोलने के बाद उतारने में हुए। सारी साउंड की व्यवस्था भी उसके हिसाब से ही रखी गई थी। यहां तक की पेपर वेट भी।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए एसपीजी अपने साथ विशेष डायस लेकर आई थी। करीब तीन क्ंिवटल के वजन वाले डायस को मंच पर चढ़ाने में पसीना छूट गया। जबकि इसे अलग-अलग हिस्सों में लाया गया था। यही हाल खोलने के बाद उतारने में हुए। सारी साउंड की व्यवस्था भी उसके हिसाब से ही रखी गई थी। यहां तक की पेपर वेट भी।
जगह का हुआ टोटा, मीडिया के साथ बैठे नेता
मोदी की सभा को लेकर भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को जनता के साथ बैठने पड़ा। जब उनकी फजीहत होने की जानकारी लगी तब मीडिया का काम देख रहे जेपी मूलंचानी व उनकी टीम ने उन्हें मीडिया के पीछे वाले हिस्से में उन्हें जगह दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम, गोलू शुक्ला, पद्मा भोजे के साथ में यूपी और गुजरात के सांसद व मंत्री भी थे।
मोदी की सभा को लेकर भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को जनता के साथ बैठने पड़ा। जब उनकी फजीहत होने की जानकारी लगी तब मीडिया का काम देख रहे जेपी मूलंचानी व उनकी टीम ने उन्हें मीडिया के पीछे वाले हिस्से में उन्हें जगह दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम, गोलू शुक्ला, पद्मा भोजे के साथ में यूपी और गुजरात के सांसद व मंत्री भी थे।