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#MPMahamukabla: राजनीतिक दलों को स्वास्थ्य की जरूरत के आंकड़ों को मोटे चश्मे से देखना होगा

locationइंदौरPublished: Sep 18, 2018 03:04:32 pm

Submitted by:

amit mandloi

आज भी शहर का एक बड़ा वर्ग एमवाय या जिला हॉस्पिटल की तरफ ही आशा की नजरों से देखता है, जबकि हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है।

Dr. Rajkumar Agarwal

Dr. Rajkumar Agarwal

इंदौर. इंदौर को स्वच्छता में नंबर 1 का तमगा मिल गया। हेल्थ सेक्टर को लेकर इंदौर में बड़े-बड़े हॉस्पिटल खुल गए। बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाएं आम आदमी की पहुंच से दूर है। आज भी शहर का एक बड़ा वर्ग एमवाय या जिला हॉस्पिटल की तरफ ही आशा की नजरों से देखता है, जबकि हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है। यह कहना है आईएमए इंदौर के सचिव डॉक्टर राजकुमार अग्रवाल का। अग्रवाल ने यह बातें पत्रिका के मध्य प्रदेश का महामुकाबला के तहत ‘मैं डॉक्टर, बताऊंगा मर्ज…’ कॉलम के तहत कही।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, मैं रोजाना कई लोगों का इलाज करता हूं, लेकिन एक जांच लिखने पर मरीज के माथे पर सलवटे आने लगती हैं। पूछने लगता है, साहब कम में कहां होगी। यानी खून की जांच करवाने में आम आदमी को पसीनें आने लगते हैं। यह तो बहुत छोटी सी बात है, बड़ी समस्या तो विशेषज्ञों को दिखाने में होती है। कई बीमारियों का डायग्नोसिस करवाना और उनका इलाज लेना काफी महंगा होता है, जो सुविधाएं बनी है, वह कॉर्पोरेट स्तर पर पहुंच चुकी हैं। कई हॉस्पिटल ट्रस्ट की हैसियत से शुरू हुए थे। शुरुआती इलाज तो सस्ता था, लेकिन अब वह भी महंगे होते जा रहे हैं। सरकारी सुविधाएं और डिस्पेंसरियां पर्याप्त नहीं हंै। वहां पर इलाज करने वाले विशेषज्ञ तो दूर जनरल फिजिशियन भी उपलब्ध नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ताज्जुब होता है, सरकारी योजनाओं के बीच हमारे नेताओं और जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के बजट का आंकड़ा क्यों नजर नहीं आता? प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से यह बहुत कम है। इसके लिए नेताओं को मोटे चश्मे से देखना होगा, जिसे दूसरे विकास के बीच इस आंकड़े को देखा जा सके। आज इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी खर्च होता है। सड़कें, पुल पुलिया बन रही हैं। हॉस्पिटल व डिस्पेसरी को निजी आस पर छोड़ दिया गया है।
सभी मिलजुल कर करें प्रयास

डॉ. अग्रवाल ने कहा, इंदौर में हर समाज के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ट्रस्ट बना कर इलाज मुहैय्या करवा रहे हैं। इतनी बड़ी जनसंख्या के लिए यह नाकाफी है। साथ ही यहां भी सीमित संख्या में विशेषज्ञ होने से लाइनें लंबी होने लगी हैं। कोशिश होनी चाहिए, जिस तरह से स्वच्छता में नंबर वन के लिए सबने मिलकर प्रयास किए, इसी तरह जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों के ट्रस्ट हॉस्पिटल्स को मजबूत बनाएं। उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाएं।
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