पटवारी बोले कि शिवराज ही कहते हैं कि मप्र ही मेरा जीवन है, मैं यहीं जीयूंगा, लेकिन पार्टी ने तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बनाया और दिल्ली बुला लिया। दरअसल पार्टी उनसे पीछा छुड़ाना चाहती है।
कैलाश जी अपने बॉस को बचा लें तो पारंगत समझूंगा कैलाश विजयवर्गीय जी के बयानों को लेकर उन्होंने कहा कि वे 2019 में अपने बॉस को बचा लें, तो मैं उन्हें पारंगत मानूंगा। इस तरह की बात कर कार्यकर्ताओं से ताली बजवाना उन्हें नहीं देता। कैलाश जी और शिवराज सिंह चौहान जी दोनों ने साथ ही में राजनीति शुरू की। शिवराज जी मुख्यमंत्री बन गए और ये रह गए। वे मेरे बड़े भाई जैसे हैं, मैं उन्हें ज्ञान नहीं दे सकता, लेकिन मैं उनसे प्रार्थना करता हूं कि आप भाषा पर संयम रखें। आप ऐसी भाषा बोलें जिससे इंदौर का मान बढ़े।