डॉ. आंबेडकरनगर(महू). रेलवे स्टेशन के अलावा नवनिर्मित पिट लाइन व कोचिंग डिपो का बारीकी से शनिवार शाम रेलवे डीआरएम ने निरीक्षण किया। पिट लाइन के पास नाले पर किए निर्माण में कचरा देख भड़के और कहा ये क्या कबूतर का पिंजरा बना दिया है, इसकी क्या जरुरत थी। अब इसमें से कचरा कैसे निकालेगे।
जिसका रेलवे इंजीनियर जवाब भी नहीं दे पाए। डीआरएम आरएन सुनकर शाम करीब पांच बजे इंस्पेक्शन वेगन से रेलवे स्टेशन पहुंचे। सबसे पहले स्टेशन का मुआयना किया। यहां भविष्य में होने वाले कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा की। निरीक्षण के दौरान रेस्ट हाउस के पास पहुंचे तो स्टेशन प्रबंधक से कहा इसे लेकर मेरे पास वॉटएसप पर फोटो के साथ शिकायत आती है। ऊपर गए और रेस्ट हाउस का ताला खुलवाया। बाहर पानी भरा होने पर कहा इसे कवर करवाओ। दूसरे कक्ष में बिस्तर बिखरा हुआ था व सामग्री इधर-उधर फैली रही। तो कहा ये स्थिति नहीं होना चाहिए। ये मॉडर्न स्टेशन बनने वाला है, यहां सफाई नियमित रूप से हो। साथ ही पूछा कि कितने सफाई कर्मचारी हैं तो जवाब मिला सात। तो बोले इतने कर्मचारी हैं फिर तो इसे
ताजमहल जैसा साफ रखो। और रोज इसके फोटो खींचकर मुझे भेजो। बाद में कंट्रेक्ट पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों से भी चर्चा की।
कोचिंग डिपो में मवेशी व गोबर देखकर नाराज हुए
यहां से वे नवनिर्मित कोचिंग डिपो पहुंचे। जहां स्लोप पर बनी नाली देखकर कहा यहां तो पूरी सड़क का पानी आएगा, कैसे इसका निर्माण किया। भीतर गए तो मवेशी नजर आए व गोबर पड़ा दिखा। तो बोले ये क्या स्थिति है। साथ ही कोचिंग डिपो की छत के किनारे से बारिश का पानी गिरता रहा। तो बोले ये कैसा काम किया है, इसकी लिकेज बंद करो। कंस्ट्रक्शन शाखा के इंजीनियर नहीं दिखे तो उसने मोबाइल पर चर्चा की और जमकर लू उतारी व फटकार लगाई। साथ ही कहा कल तक दो-तीन के आर्डर भी तैयार हो जाएंगे। कोचिंग डिपो के ऊपरी हिस्से में रेलिंग नहीं होने पर कहा यहां से तो कोई भी गिर सकता है। इसके बाद पिट लाइन के पास नाले की पानी निकासी के लिए किए निर्माण में भरा कचरा देखकर भड़के। और कहा ये क्या जादूघर व पिंजरा बना दिया। किसी भी हाल में इसका कचरा साफ होना चाहिए।
तुम्हारे पास काम नहीं करने के सारे बहाने हैं
पिट लाइन के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा मुझे जानकारी मिली थी कि तीसरी पिट लाइन का काम शुरू हो गया है। यहां तो कुछ नहीं है। तो इंजीनियर ने कहा तीन बार टेंडर निकाले लेकिन कोई ठेकेदार नहीं आया। तो वे बोले तुम्हारे पास काम नहीं करने के सारे बहाने हैं। पहले भी तो दो पिट लाइन ठेेकेदार ने बनाई है, जो भारतीय रेलवे की बेस्ट पिट लाइन है। तो इंजीनियर ने कहा इसका भी ठेकेदार काम नहीं कर रहा था, तीस लाख रुपए की पेनल्टी लगाई तब जाकर काम पूरा किया। तो उन्होंने ये सब मत बताओ, मुझे काम की शुरुआत चाहिए।
ये भी बोले
-पिट लाइन की सभी लाइट चालू देखकर कहा क्या मुझे इंप्रेस करने के लिए सभी लाइट चालू कर दी। जितनी लाइट की जरुरत हो केवल उतनी चालू करो।
-ठेकेदार से कहा आप ऐसा कोई निर्माण न करें, जिससे भविष्य में होने वाले एक्सपांसशन में बाधा बने।
-कंस्ट्रक्शन, इलेक्ट्रिक व मेकेनिकल विभाग के इंजीनियरों में आपसी समन्वय नहीं होने पर कहा तुम लोगों का क्या अब तक भरत मिलाप नहीं हुआ है।
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