शहर में आयुर्वेद का चलन
30 फीसदी लोग बीमारी के लिए लेते हैं आयुर्वेद का इलाज
40 फीसदी बढ़े हैं आयुर्वेद के स्टूडेंट्स
20 फीसदी आयुर्वेद स्टोर्स बढ़े हैं
60 फीसदी स्किन, हेयर व कॉस्मेटिक यूज बढ़ा
50 फीसदी लोगों ने पिछले ५ सालों में चुना आयुर्वेद
50 फीसदी का इजाफा हर्बल प्रोडक्ट्स और स्किन केयर में
30 फीसदी लोग बीमारी के लिए लेते हैं आयुर्वेद का इलाज
40 फीसदी बढ़े हैं आयुर्वेद के स्टूडेंट्स
20 फीसदी आयुर्वेद स्टोर्स बढ़े हैं
60 फीसदी स्किन, हेयर व कॉस्मेटिक यूज बढ़ा
50 फीसदी लोगों ने पिछले ५ सालों में चुना आयुर्वेद
50 फीसदी का इजाफा हर्बल प्रोडक्ट्स और स्किन केयर में
विभिन्न आयुर्वेद चिकित्सकों के मुताबिक शहर में पिछले 5 सालों में 50 फीसदी से ज्यादा मरीज बढ़े हैं। हर्बल और स्किन केयर प्रोडक्ट्स मार्केट भी २० फीसदी तक बढ़ा है। सिर्फ ब्यूटी व कॉस्मेटिक ही नहीं, बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाई सहित कई छोटी-बड़ी बीमारियों के उपचार के लिए आयुर्वेद का इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा आयुर्वेदिक फूड सप्लीमेंट्स भी बढ़े हैं। एक्सपट्र्स के मुताबिक आयुर्वेद में न केवल उपचार होता है, बल्कि यह जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता है।
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती। लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है और आयुर्वेद में इन्हीं तीनों तत्वों का संतुलन बनाया जाता है। आयुर्वेद में हर्बल उपचार, घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक दवाओं, आहार संशोधन, मालिश और ध्यान का उपयोग किया जाता है।
ऑर्थराइटिस में सफल परिणाम
शहर आए केरल के ख्यात ऑर्थोपेडिक एवं न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि हड्डियों से जुड़ी समस्याओं जैसे ऑर्थराइटिस (गठिया) में आयुर्वेदिक इलाज के सफल परिणाम मिले हैं। स्ट्रोक व इसके कारण लकवे जैसी गंभीर समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं। आयुर्वेद थैरेपी से रक्त संचार को सुचारू बनाने, प्रोत्साहित करने तथा नर्वस सिस्टम को पुनर्जीवन देने, मांसपेशियों को मजबूती देने व मरीज को पूरी तरह ऊर्जावान बनाने का प्रयास किया जाता है।
शहर आए केरल के ख्यात ऑर्थोपेडिक एवं न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि हड्डियों से जुड़ी समस्याओं जैसे ऑर्थराइटिस (गठिया) में आयुर्वेदिक इलाज के सफल परिणाम मिले हैं। स्ट्रोक व इसके कारण लकवे जैसी गंभीर समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं। आयुर्वेद थैरेपी से रक्त संचार को सुचारू बनाने, प्रोत्साहित करने तथा नर्वस सिस्टम को पुनर्जीवन देने, मांसपेशियों को मजबूती देने व मरीज को पूरी तरह ऊर्जावान बनाने का प्रयास किया जाता है।
हर तरफ बढ़ रहा हर्बल का दायरा
ब्यूटी- काजल, क्रीम, फेशियल, बॉडी लोशन, शैम्पू, फूड- बिस्किट, रिफाइंड ऑइल, ओट्स, लिक्विड- घी, जूस, कोल्ड्रिंक्स, ग्रीन टी.
ब्यूटी- काजल, क्रीम, फेशियल, बॉडी लोशन, शैम्पू, फूड- बिस्किट, रिफाइंड ऑइल, ओट्स, लिक्विड- घी, जूस, कोल्ड्रिंक्स, ग्रीन टी.