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शादी से ठीक पहले गई सैनिक की जान, दोस्त को बताई थी सरकार की ये बातें

locationइंदौरPublished: Dec 06, 2017 12:07:15 pm

देवास कलेक्टर आशीषसिंह ने सभी को सूचित किया है कि अधिकारियों ने एक्सीडेंटल फायरिंग में मौत की जानकारी दी है।

soldier neelesh dhakadh

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देवास (इंदौर). जिसकी शादी की चल रही थी तैयारियां करना पड़ा उस सैनिक का अंतिम संस्कार। बीएसएफ के जवान ने मौत से पहले अपने दोस्त से सरकार की नीतियों के बारे में कई बातें की। उसने अपने दोस्त को गोली चलाने के कानून के बारे में भी कई ऐसी बातें बताई जिसे सुनकर दोस्त भी चौंक गया था। लेकिन, अगले दिन सुबह ही बीएसएफ जवान की मौत की खबर पूरे गांव में फैल गई। सरकार ने कारण अचानक गोली चलना बताया। संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई इस मौत की बीएसएफ आंतरिक जांच कर रहा है। फिलहाल परिजनों और दोस्तों को बताया एक्सीडेंटल मौत बताई गई है।
देवास के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान नीलेश धाकड़ निवासी घिचलाय में अचानक गोली चलने से मृत्यु हो गई थी। असल में नीलेश श्रीनगर में ड्यूटी पर था तभी गोली लगने की वजह से उसकी मृत्यु हो गई थी। पार्थिव शरीर को देवास के गांव लाया गया जहां उनका अंतिम संस्कार पूरा होगा।
बीएसएफ के जवान श्रीनगर में दुर्घटनावश गोली चलने से शहीद हो गया। देवास के गांव में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मानपूर्वक उनके अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी की गई है। खैर घटना तो घट गई लेकिन बीएसएफ घटना की आंतरिक जांच कर रहा है। वहीं देवास कलेक्टर आशीषसिंह ने सभी को सूचित किया है कि अधिकारियों ने एक्सीडेंटल फायरिंग में मौत की जानकारी दी है। वहीं नीलेश के मित्र जो कि बरोठा के हैं उन्होनें बताया कि नीलेश पिछले छह साल से सेना में कार्यरत था। नीलेश की सगाई एक साल पूर्व हुई थी। शादी की तारीख भी 28 अप्रैल 2018 की निकली थी। नीलेश अपने दोस्तों के बहुत करीब था उसने आर्मी और सरकार से जुड़ी कई बातों के बारे दोस्त के साथ शेयर करता था। उसने बताया था कि अब तो सेना को पूरी छूट दे दी है गोली चलाने की। अब कभी भी कहीं भी गोली चला दो। और वही गोली उसकी मौत का कारण भी बन गई।
मित्र ने खोले और भी कई राज
नीलेश के दोस्त भीम सिंह व राहुल नागर ने बताया कि छह साल पहले नीलेश धाकड़ और मैंने (भीमसिंह) साथ में सेना में चयन की परीक्षा दी थी। मेरी जन्मतिथि 1991 की मार्कशीट में होने से बाहर हो गया पर नीलेश चयनित हुआ। तीन माह पूर्व वह छुट्टी लेकर आया था। उसकी अगले साल 28 अप्रैल को बरखेड़ासोमा की लडक़ी से शादी होने वाली थी। उसकी 15 दिन की छुट्टी साल की बची थी पर वह शादी में इक_ा आने की बात कहकर नहीं आ रहा था। एक दिन पहले ही रात में उससे फोन पर शादी के लिए वीडियो शूटिंग वाले से बात करने की चर्चा हुई और उसने मुझसे कहा कि तुम्ही अरेंज कर लेना। वह कहता था कि अब आर्मी को पूरी छूट दे दी गई है और सुबह ही उसके शहीद होने की खबर आई।
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