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विधानसभा चुनाव हार के बाद भी अपने कार्यकर्ता का आभार मानने पहुंचे भाजपा के प्रत्याशी

locationइंदौरPublished: Dec 31, 2018 10:54:20 am

Submitted by:

Mohit Panchal

10 दिन से चल रहा ३० पंचायतों में दौरा, मिलने पहुंचे तो खुश हुए कार्यकर्ता

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विधानसभा चुनाव हार के बाद भी अपने कार्यकर्ता का आभार मानने पहुंचे भाजपा के प्रत्याशी

इंदौर। आमतौर पर चुनाव हारने के बाद कोई प्रत्याशी पलट कर नहीं देखता है, लेकिन राऊ के भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा अपवाद हो गए। १० दिन से वे ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, जहां से उन्हें अच्छे वोट मिले। कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर वे चुनाव में पूरी ताकत से काम करने के लिए दिल से आभार मान रहे हैं। मजेदार बात ये है कि लोकसभा चुनाव को लेकर कोई बात नहीं की गई।
राऊ विधानसभा से दूसरी बार जीत कर मंत्री बने जीतू पटवारी को चुनाव में पसीने तो आ गए थे। उनको ग्रामीण क्षेत्र पर पूरा भरोसा था कि वे अच्छी लीड लेंगे तो शहर में भी मजबूत रहेंगे। इस गणित से वे पिछले चुनाव में १८ हजार के करीब की लीड को बरकरार रख लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा ने ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई।
राऊ में करीब ३० पंचायतें आती हैं, जिनमें से १८ पर उन्होंने अपना झंडा फहराया। इसके अलावा पांच ऐसी पंचायतें थीं, जिसमें मात्र दो से पांच वोटों से ही वे हारे। हालांकि मुस्लिम व बोहरा बाहुल्य बांक पंचायत ने ही सारी कसर निकाल दी,जिसमें पटवारी साढ़े आठ हजार वोटों से चुनाव जीते।
वर्मा की हार का प्रमुख कारण उनके गढ़ विष्णुपुरी व राजेंद्र नगर वार्ड रहे जहां से वे दमदार लीड नहीं उठा पाए। हार की समीक्षा में वर्मा को समझ में आ गया कि गांवों ने उनका खूब साथ दिया। उनका आभार मानने के लिए वर्मा अब गांव-गांव जा रहे हैं। पहला चरण २१ से २५ दिसंबर तक का था तो दूसरा चरण २९ व ३० दिसंबर का रखा गया जिसमें कल वे देवगुराडिय़ा से डबल चौकी मार्ग पर आने वाले गांवों में पहुंचे।
चाय के साथ हो गई चुनावी चर्चा
वर्मा के पंचायतों में पहुंचने की सूचना पहले ही दे दी जाती, जैसे ही वे पहुंचते हैं एक जगह पर सारे कार्यकर्ता इक_ा हो जाते। चाय के साथ में सबसे चुनावी अनुभव से साझा किया जाता। उस पर वर्मा मेहनत करने पर कार्यकर्ता का आभार मानते हैं।
कई वाकये तो ऐसे भी हुए जब कार्यकर्ता हार की बात करते हुए भावुक हो गए। मजेदार बात ये है कि लोकसभा चुनाव की बात का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया। इसके पीछे की वजह ये भी रही कि कहीं कार्यकर्ताओं को ये नहीं लगे कि उसके लिए आए हैं। वर्मा उन्हें इस बात का अहसास करवा रहे हैं कि सिर्फ चुनाव में आभार मानने आए हैं।

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