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पहले बोले सीईटी में धांधली, निरस्त की तो बोल रहे छात्रों के साथ अन्याय

locationइंदौरPublished: Jul 20, 2019 04:36:17 pm

विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं के प्रदर्शन पर खड़े हुए सवाल

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पहले बोले सीईटी में धांधली, निरस्त की तो बोल रहे छात्रों के साथ अन्याय

इंदौर.छात्र मुद्दों को उठाकर भविष्य का नेता बनने के सपने संजो रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेताओं की कार्यशैली मजाक का विषय बन रही है। हाल ही में विवि में किया गया प्रदर्शन इस पर सवाल खड़े कर रहा है।
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दरअसल देवी अहिल्या विवि के यूटीडी में एडमिशन के लिए सीईटी परीक्षा ली जाती है। इस बार हुई परीक्षा के बाद परिषद के छात्र नेताओं ने इसमें धांधली का आरोप लगाया। इसे निरस्त करने की मांग की, लेकिन तीन दिन पहले सभी विभागाध्यक्षों और विवि के अधिकारियों से इसे निरस्त करने का फैसला किया तो फिर प्रदर्शन करने पहुंच गए। कहना था कि सीईटी निरस्त करना छात्रों के साथ अन्याय है। ऐसे में परिषद के वर्तमान छात्र नेता की कार्यशैली और प्रदर्शन दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि खुद ही ने विरोध किया और खुद ही निरस्त करने का विरोध कर रहे हैं।
नामंजूरी का नहीं आया आदेश

इधर, सीईटी निरस्त करने का फैसला लेने के बाद कहा जा रहा था कि शासन ने फैसले को नामंजूर कर दिया है, लेकिन विवि के रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि आज सुबह तक हमारे पास इस तरह का कोई पत्र नहीं आया है न हमें जानकारी है। सभी विभागाध्यक्षों, अधिकारियों ने जो निर्णय लिया उससे हमने शासन को अवगत करवा दिया है। हमारा उद्देश्य छात्र-छात्राओं को 14 अगस्त के पहले एडमिशन देना है, जिसके लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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छात्र नेता सीईटी पर अड़े

उधर, विवि के अधिकारियों ने जो सीईटी निरस्त की है, इसका विद्यार्थियों से ज्यादा विरोध छात्र नेता कर रहे हैं। इनमें कुछ पूर्व कार्यपरिषद सदस्य भी हैं। हालांकि शिक्षाविदों का कहना है की इसमें इनका कुछ हित हो सकता है, लेकिन छात्रों के लिए वही सही है जो विवि ने निर्णय लिया है, क्योंकि उसी प्रक्रिया के तहत मेरिट आधार पर एडमिशन दिए जा सकेंगे। इसको लेकर विवि के अधिकारियों ने लंबी बैठक कर कानूनविदों से बात कर यह निर्णय लिया था।

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