कारखानों से दूषित पानी छोड़ने पर नायब तहसीलदार ने कारखाना संचालकों को फटकार भी लगाई। कुछ कारखाना संचालकों ने कहा पिछले हिस्से के दूसरे कारखाने पानी छोड़ रहे तो नायब तहसीलदार ने कहा आप तो अपना पानी तो रोको। कुछ ने कहा पानी तो सभी छोड़ रहे तो दूसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे, तो कहा गया समान रूप से कार्रवाई की जा रही है। एक कारखाना संचालन ने कहा हम तो पानी फिल्टर कर आगे छोड़ रहे तो नायब तहसीलदार ने कहा आपके कारखाने से जो पानी निकल रहा है है उससे हाथ मुहं धोकर दिखा दो।
कोदरिया के आलू चिप्स कारखानों से निकले दूषित पानी से गुजरखेड़ा से गुजरी आकाश गंगा नदी का पानी काला पड़ गया है, जिसमें मछलियां मरने की स्थिति भी सामने आई। साथ पूरे क्षेत्र में असहनीय बद्बू से बड़ी आबादी परेशान हैं। गुजरखेड़ा सरपंच सत्यवीर वर्मा के अनुसार क्षेत्र के बोरिंग, हैंडपंप तक का पानी दूषित हो रहा है।
जनपद पंचायत के इंजीनियर देवेंद्र अग्रवाल ने बताया मैं बीते 15 दिनों से कारखानों में घूमकर संचालकों को आलू के छिलके व स्टाॅर्च को वहीं रोकने की समझाइश दे रहा था लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। सिर्फ जो बड़े कारखानें हैं पालन कर रहे थे। इसी कारण हम स्टाॅप डेम की मरम्मत सहित रूट बेड सिस्टम पर भी काम नहीं कर पा रहे थे ताकि दूषित पानी आगे जाने से रोका जा सके।
संभागायुक्त-कलेक्टर ने किया था निरीक्षण, सीएम ने भी की थी प्रशंसा
जनवरी माह में एक जिला एक उत्पाद में इंदौर जिले से आलू चिप्स कारोबार को भी चयनित किया गया। और उस समय संभागायुक्त पवन शर्मा व कलेक्टर मनीष सिंह ने कोदरिया में आलू चिप्स कारखानों का निरीक्षण किया था। कारोबार में इजाफा व ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने को लेकर कारखाना संचालकों से जनभागीदारी राशि जमा करने की बात कही थी। और सीएम ने भी आलू चिप्स इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने हेतु मार्केट लिंकेज को लेकर प्रशासन के प्रयास की प्रशंसा की। लेकिन बाद में प्रशासन की ओर से यहां प्रदूषण रोकने व स्वच्छ माहौल में चिप्स तैयार करने की व्यवस्था को लेकर कोई ठोस प्रयास नहीं किए। ये ही समस्या इस कारोबार में सबसे बड़ी अड़चन है और इसी को दूर करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।