जल्दी अमीर बनने के चक्कर में दिया वारदात को अंजाम
शॉर्टकट से जल्दी रईस बनने के लिए ये लोग एक ऐसे जाल का हिस्सा बन गए, जिसके अंतर्गत प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए चेन बनाई जाती है और चेन के सदस्य खुद कंपनी का सामान खरीदते हैं, साथ ही चेन में और सदस्यों को भी जोड़कर उन्हें सामान बेचा जाता है। ये लोग जिस विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड के लिए काम करते थे, वे क्यू-नेट की फ्रैंचाइजी कंपनी है। इस पर धोखाधड़ी के कई बार गंभीर आरोप लग चुके हैं और सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) जिसके खिलाफ जांच कर रहा है। क्यू-नेट पर जब शिकंजा कसना शुरू हुआ तो विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जालसाजी का नेटवर्क खड़ा कर लिया गया।
फ्रीज किए बैंक अकाउंट
हैदराबाद के साइबराबाद पुलिस को कंपनी के खिलाफ कई शिकायते मिलीं और पुलिस ने 14 अलग-अलग मामले दर्ज किए। जांच के दौरान धोखाधड़ी के तार कई दूसरे राज्यों से जुड़े होने की बात सामने आई। पुलिस ने कंपनी के बैंक अकाउंट को फ्रीज कर लिया है, जिसमें 2 करोड़ 70 लाख रूपए जमा थे। लेकिन विहान डायरेक्ट सेलिंग प्राइवेट लिमिटेड के भारत में डायरेक्टर दिलीपराज पोक्केला और मोहम्मद इम्तियाज अब तक साइबराबाद पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।