7 बच्चे आए चपेट में, मची अफरा-तफरी
शहरी विकास मंत्री के.तारक रामा राव ने हैदराबाद नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारीयों को इसकी समीक्षा करने और जिम्मेदारी तय करने के लिए बुलाया है। एल.बी.नगर के शाइन चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल के नियोनेटल वार्ड में रात 3 बजे आग लगी तो उस समय वार्ड में करीब 48 नवजात शिशु मौजूद थे। 7 नवजात इस आग की चपेट में आ गए, जिनमें से एक की मौत हो गई और 6 जख्मी हैं। मरने वाले बच्चे की उम्र सिर्फ 3 महीने थी। घायल नवजात शिशुओं में से 2 को इलाज के लिए बंजारा हिल्स के रेनवो अस्पताल, अन्य 2 को उप्पल के अंकुर अस्पताल और बाकी 2 को एल.बी.नगर के दिशा अस्पताल ले जाय गया है।
अस्पताल में नहीं थे सुरक्षा उपकरण…
अस्पताल के अग्निशामक काम नहीं कर रहे थे जिससे मुसीबत और बढ़ गई। आग पर तुरंत काबू पाना मुश्किल हो गया। नियोनेटल वार्ड में फायर अलार्म और स्मोक डिटेक्टर की सुविधा भी नहीं थी।
जिम्मेदारों ने की टालमटोल…
वहीं, तेलंगाना राज्य आपदा प्रबंधन और अग्निशमन विभाग के महानिदेशक संजय कुमार जैन ने कहा कि उनका विभाग सिर्फ 15 मीटर से अधिक ऊँची इमारतों की अग्नि सुरक्षा की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार है और शाइन अस्पताल की ऊंचाई उससे कम है। इसलिए अस्पताल में अग्नि उपकरण काम करने की स्थिति में क्यों नहीं थे और अस्पताल को इसके बिना संचालन की अनुमति कैसे मिली, इनका जवाब देने के जिम्मेदार नगर निगम का अग्नि सुरक्षा विभाग है।
बड़ी लापरवाही आई सामने…
बता दें कि, शाइन अस्पताल पिछले 19 साल से चल रहा है, परन्तु प्रबंधन ने कभी भी नगर निगम के अग्निशमन विभाग से अनुमति के लिए बिना अग्नि उपकरण के अस्पताल चलाने का आवेदन नहीं किया था और आश्चर्यजनक रूप से नगर निगम अधिकारियों ने भी कभी इसका निरीक्षण नहीं किया।