केसीआर के समक्ष रखी बात
महाराष्ट्र से आए लोगों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री केसीआर उनकी बात मानते हैं, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में वे टीआरएस के बी-फॉर्म और पार्टी चिह्न से लडऩे के लिए तैयार हैं। नेताओं ने केसीआर से कहा कि हम पडोसी हैं। तेलंगाना के लोग रैयतु बंधु, कल्याण लक्ष्मी, 24 घंटों की मुफ्त बिजली, पेंशन की अच्छी रकम, केसीआर किट जैसी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, लेकिन हम नहीं। ऐसी योजनाएं हमें क्यों नहीं मिलती। हम आंदोलन भी कर सकते हैं। आप हमारा समर्थन करें।
महाराष्ट्र पर वादाखिलाफी का आरोप
महाराष्ट्र से आए लोगों ने यह भी कहा कि इससे पहले धर्माबाद तालुका के 40 गांवों ने तेलंगाना राज्य में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था। तब महाराष्ट्र सरकार ने इन गांवों के लिए 40 करोड़ की सहायता की घोषणा की थी। तब कहा गया था कि वो 12 करोड़ रुपए जल्द ही जारी भी कर देंगे। लेकिन अब तक एक रुपया भी जारी नहीं हुआ है।
निजाम शासन के दौरान थे हैदराबाद में
नांदेड़ के नेताओं ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि निजाम शासन के जमाने में वे हैदराबाद राज्य का हिस्सा थे और तब से बतुकम्मा, बोनालु और इतर रीति रिवाजों का पालन करते हैं, जैसे तेलंगाना की जनता करती है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही कांग्रेस, बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी के राजनेताओं के साथ तेलंगाना आ कर केसीआर से मुलाकात करेंगे। बता दें कि तेलंगाना में शामिल करने को लेकर बाबली सरपंच बाबू राव गणपत राव कदम के नेतृत्व में नांदेड़ जिले में एक अभियान भी चलाया जा रहा है।
सीएमओ बोला, जल्द लेंगे निर्णय
तेलंगाना मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक नोट भी जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र चुनाव में लडऩे का निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में तेलंगाना की कल्याणकारी योजनाओं का अमल की मांग जायज है और आशा की जाती है कि महाराष्ट्र सरकार इन मांगों को पूरा करेगी।