पुलिस आयुक्त वीसी.सजन्नार के अनुसार चिन्तल निवासी कृष्णा के एक बैंक खाते से लाखो रूपए कोलकाता के एक बैंक खाते में ट्रांसफर करने की शिकायत मिली थी। वहीं दूसरे मामले में 1 दिसंबर को इलिम केमिकल्स के साउथ इंडिया बैंक अकाउंट से बिना जानकारी के 5 लाख रूपए ट्रांसफर हो गए। इस दौरान कंपनी मालिक पीवी.कृष्णा के फोन का नेटवर्क भी चला गया था और अकाउंट से पैसे काटे जाने का मैसेज देर से पहुंचा। इसी बात पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पश्चिम बंगाल के डमडम से एक नाइजीरियाई ओडाफी हेनरी (25), संतोष बनर्जी (52), अंकन शाह (31), रजत कुंडू (35), चन्दन वर्मा (42) व संजीव दस (48) को गिरफ्तार कर लिया, जानकी गिरोह का सरगना ईबिगबो इनोसेंट उर्फ जेम्स अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। नाइजीरियाई नागरिक जेम्स के इशारे ही पर यह सारे आरोपी भारत के विविध राज्यों में कंपनियों को चूना लगाने का काम कर रहे थे।
फुटबॉल के सिलसिले में भारत आया करने लगा साइबर ठगी
बता दें कि फुटबॉल के सिलसिले में हेनरी साल 2014 में भारत आया था। यहां कोलकाता में उसका जेम्स के साथ परिचय हुआ और वो धोखाधड़ी के काम में लग गए। दोनों ने लालच देकर कुछ स्थानीय भारतीय नागरिकों को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया। फिर गिरोह का मुख्य सरगना जेम्स नाइजीरिया से ऑपरेट करने लगा।
यह चीजें हुई बरामद
पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आरोपियों को आगे की कार्रवाई के तहत अदालत में प्रस्तुत कर दिया है तथा आरोपियों के पास से एक कंप्यूटर, दो लैपटॉप, 14 सेलफोन, जियो वाईफाई और स्वैपिंग की मशीन सहित आया चीजों को जब्त कर लिया।
इन कंपनियों को लगाया चूना
अब तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ आरोपियों ने चेन्नई की एसकेएस कंपनी को 25 लाख रूपए, कोलकाता की डेव इम्प्लेक्स को 25 लाख, अहमदाबाद की नेप्चून ट्रेडर्स को 13 लाख, कोलकाता के एबली लोजिस्टिक्स को 48 हजार का चूना लगाया था। आरोपी इसके लिए कंपनियों के बैंक खाते हैक कर लेते थे और खाते से सलग्न फोन नंबर का पता लगाने के बाद उसे भी हैक कर लेते थे।