यह निस्वार्थ सेवा पिछले 16 वर्षों से गुरुद्वारा द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। गुरुद्वारा प्रबंधन के मंजीत सिंह बग्गा के मुताबिक़ यहां ठहरने वाले तमाम मरीजों को यह दवा गुरुद्वारा में ही प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि बाथनी परिवार पांच पीढ़ियों से तथा 174 वर्षों से यह प्रसिद्ध मछली दवा तमाम जनता के लिए मुफ्त देता आया है। यहां बाथिनी फैमिली द्वारा तैयार की गई पारंपरिक दवा अस्थमा के मरीज को दी जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंगलवार को रात आठ बजे तक इस अस्थमा दवा को पिलाने का काम जारी रहेगा।