बता दें कि, तेलंगाना और आंध्र के विभाजन से पहले संयुक्त आंध्र प्रदेश की पिछली सरकारें बैठकों और सम्मेलनों में आमंत्रित अतिथियों को शानदार खाने से नवाजते थे। विभाजन के बाद भी दोनों ही राज्यों में यह परंपरा जारी रही। आज भी केसीआर अपनी बैठकों में कई प्रकार के व्यंजन खिलाकर अधिकारियों को खुश कर रहे हैं।
परन्तु आंध्र के नए मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी इस फुजूल खर्ची में विश्वास नहीं करते हैं। वे साधारण भोजन में विश्वास करते हैं और लंच और डिनर की मेजबानी पर पैसा बर्बाद नहीं करना चाहते हैं, चाहे वह उनकी पार्टी के नेताओं के लिए हो या अधिकारियों के लिए हो।
जून के पहले सप्ताह में कैबिनेट के गठन के तुरंत बाद, जगन ने सभी नए मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक की। उन्हें स्वाभाविक रूप से उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री जगन उनके लिए शानदार लंच की मेजबानी करेंगे। लेकिन वे लंच में सिर्फ सांबर चावल और दही चावल देख कर दंग रह गए।
इसी तरह हाल ही में प्रजा वेदिका में हुए कलेक्टरों और आईपीएस अधिकारियों के सम्मेलन में जगन ने सभी अधिकारियों को उनके टेबल पर ही लंच के पैकेट दे दिए थे। दिलचस्प बात यह है कि उन्हें भी सभी की तरह अपने लंच का पैकेट उनके टेबल पर ही मिला था। उन्होंने कहा कि वे लंच करते हुए बैठक जारी रख सकते हैं। उसके बाद अधिकारियों की असुविधा को समझते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे उनके सामने लंच करने में शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं, तो वे 15 मिनट का ब्रेक ले सकते हैं जिस के बाद दोबारा मीटिंग शुरू की जा सकती है। माना जा रहा है कि इस प्रकार जगन किसी जगह प्रशासन पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने में भी कामयाब हो सकेंगे।