दो दशक में कर्नाटक से कोई मुस्लिम सांसद नहीं बना
भाजपा ने प्रदेश से किसी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया है। हालांकि कांग्रेस ने बेंगलौर मध्य से मंसूर अली खान को टिकट दिया है। पिछले 20 साल में कर्नाटक से कोई मुस्लिम सांसद नहीं बना है।
कर्नाटक में इस बार भाजपा का जद-एस के साथ गठबंधन हैं लेकिन जद-एस केवल तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में देवेगौड़ा परिवार के ही तीन सदस्य चुनावी समर में हैं। हालांकि एक परिवार के सदस्य भाजपा के टिकट पर चुनाव में है। कर्नाटक में इस बार भाजपा जहां एक बार फिर मोदी फैक्टर के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में हैं वहीं कांग्रेस को लगता है कि उसे गारंटी योजनाएं सहारा देंगी। कर्नाटक से पिछले लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी वहीं एक-एक सीट कांग्रेस, जद-एस एवं निर्दलीय के खाते में गई थी। हालांकि इस बार हालात अलग नजर आ रहे हैं। कर्नाटक के सीएम सिद्धरामय्या एवं उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ओबीसी कुरुबा एवं वोक्कालिंगा को अपने पक्ष में करने के लिए भी पूरा जोर लगा रहे हैं। पिछले दिनों हुब्बल्ली में एक कॉलेज परिसर में छात्रा की हत्या के बाद यह भी एक चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चार सौ पार का नारा दिया है। अब तक चुनाव प्रचार भी कुछ इन्हीं मुद्दों पर केन्द्रीत अधिक रहा है। भाजपा ने इस बार जद-एस के साथ गठबंधन किया है। भाजपा को लगता है कि इस बार जद-एस गठबंधन का उसे सहारा मिल सकता है। दक्षिण कर्नाटक में वोक्कालिंगा समुदाय निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि वह दक्षिण कन्नड़ एवं उडुपी-चिकमगलूर सीट फिर से हासिल कर लेंगी। भाजपा को यहां हिन्दुत्व एव मोदी फैक्टर अधिक प्रभावी रहने की उम्मीद नजर आ रही है।
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