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हुबली

हौसले से हारी लाचारी, कलम व कूंची से भरे सफलता के रंग

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5 months ago
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विश्व दिव्यांग दिवस से एक दिन पहले शनिवार को यहां हुब्बल्ली के न्यू गबुर रोड जैन दादावाड़ी के पास स्थित विश्वकर्मा महिला एवं मक्कल हैंडिकैप्ड स्कूल के दिव्यांग बच्चों की प्रतिभाओं को निखारने एवं उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोडऩे के मकसद से चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। राजस्थान पत्रिका एवं वर्धमान किशोर मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में दिव्यांग विद्यार्थियों ने कलम व कूंची से विविध रंगों के चित्र उकेरे। प्रतियोगिता दो वर्ग में आयोजित की गई। पहली से पांचवी कक्षा तक जूनियर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए फल-फूल विषय जबकि छठी से दसवीं तक के सीनियर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्राकृतिक दृश्य विषय रखा गया था। इस अवसर पर राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने प्रतियोगिता की जानकारी दी। प्रतियोगिता के दौरान वर्धमान किशोर मंडल के विनीत गुलेच्छा, गर्वित भूरट, दीपक पालगोता, निर्वाण कवाड़, सिद्धार्थ कवाड़, निखिल भंसाली, अक्षत गोगड़, हर्ष जीरावला, तुषार डागा, वैभव कटारिया एवं मोहित डंक तथा राजस्थान पत्रिका के वितरण विभाग के रूपेश कुमार चौधरी भी मौजूद थे।

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पेंटिंग के क्षेत्र की उभरती कलाकारा निधि कांकरिया एवं याशिका जैन प्रतियोगिता की निर्णायक थी। निर्णायकों ने दिव्यांगों को चॉकलेट्स का वितरण किया। निधि कांकरिया एवं याशिका जैन ने प्रतिभागियों को पेंटिंग की बारीकियां समझाईं। वर्धमान किशोर मंडल के विनीत गुलेच्छा, गर्वित भूरट, दीपक पालगोता, निर्वाण कवाड़, सिद्धार्थ कवाड़, निखिल भंसाली, अक्षत गोगड़, हर्ष जीरावला, तुषार डागा, वैभव कटारिया एवं मोहित डंक ने दोनों निर्णायकों का सम्मान किया।

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चित्रकला प्रतियोगिता के दोनों वर्ग में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता के लिए कलर, पेपर समेत अन्य सहायक सामग्री आयोजकों की ओर से उपलब्ध करवाई गई। प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में मनोहर लमानी प्रथम, श्वेता मलेश्वर द्वितीय तथा वीर गांगेरी तृतीय रहे। सीनियर वर्ग में रानु प्रथम, धनम्मा द्वितीय तथा नितुर तृतीय रहे।

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प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में तृतीय स्थान हासिल करने वाले वीर गांगेरी को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में दूसरा स्थान हासिल करने वाली श्वेता मलेश्वर को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में प्रथम स्थान हासिल करने वाले मनोहर लमानी को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में तृतीय स्थान हासिल करने वाले नितुरे को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में दूसरा स्थान स्थान हासिल करने वाली धनम्मा को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में पहला स्थान हासिल करने वाले रानु को पुरस्कार देते वर्धमान किशोर मंडल हुब्बल्ली के सदस्य।

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चित्रकला प्रतियोगिता के दौरान रंग भरते प्रतिभागी।

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कहते हैं कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हौसले किसी हकीम से कम नहीं होते। हर तकलीफ में ताकत की दवा देते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है पांचवी कक्षा में पढऩे वाले मनोहर लमानी की। गरीब परिवार से तालुल्क रखने वाले मनोहर के दोनों हाथ नहीं है। इसके बावजूद उसका हौसला जिंदा है। कमियों को तमाचा मारते हुए हाथ की जगह पैरों से लिखना सीखकर अपनी दिव्यांगता को पीछे छोड़ दिया। वह पैरों से ही सारे काम कर लेता है। हर कोई उसके हौसले का कायल है। प्रतियोगिता के दौरान मनोहर लमानी के जज्बे को सलाम। वह अपनी मेधा एवं आत्मबल के बूते नई इबारत लिख रहा है। जूनियर वर्ग में उसने अपने पैरों से कलाकृति बनाकर पहला स्थान पाया।

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प्रतिभागियों को चित्रकला की बारीकियां बतातीं निर्णायक निधि कांकरिया एवं याशिका जैन।

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