2024-25 के शैक्षणिक वर्ष के लिए पीयू पाठ्यक्रमों के शुल्क संशोधन के संबंध में सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यदि सरकार शुल्क में संशोधन नहीं करती है, तो पिछले वर्ष का शुल्क जारी रहेगा। वर्तमान में सरकारी कॉलेज में छात्राओं एवं एससी-एसटी छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं। पिछली बार फीस को पांच साल पहले 2018-19 में संशोधित किया गया था और तब से महामारी और संबंधित वित्तीय कठिनाइयों के कारण फीस को संशोधित नहीं किया गया है। 2018-19 में सरकार ने फीस में 60 फीसदी और उससे पहले 2013-14 तक 30 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। विभाग ने न केवल वार्षिक शुल्क, बल्कि प्रयोगशाला शुल्क, परीक्षा शुल्क सहित अन्य श्रेणियों में 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। इस शुल्क संशोधन से निजी कॉलेजों की फीस संरचना प्रभावित नहीं होगी क्योंकि उनकी अपनी फीस संरचना है और सरकार उनकी फीस पर निर्णय नहीं लेती है।