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नई दिल्ली

सोची समझी साजिश या महज गलती: अधूरा ट्रैक बनाकर छोड़ा, फिर से तोड़कर होगा काम

महालेखाकार राजस्थान सरकार ने सिंथेटिक ट्रैक निर्माण में लापरवाही बरतने पर स्पोट्र्स कौंसिल के माध्यम से जेडीए से मांगा जवाब

नई दिल्लीSep 10, 2016 / 01:06 pm

Nidhi Mishra

synthetic track

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गोशाला मैदान में करोड़ों की लागत से बने सिंथेटिक ट्रैक का काम अब फिर से किया जाएगा। इस ट्रैक को जोधपुर विकास प्राधिकरण ने कई खेल सुविधाओं के बिना ही तैयार करा दिया है, इसलिए अब इस ट्रैक को पुन: उखाड़कर बनाना होगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय ट्रैक के निर्माण में बरती गई लापरवाही को लेकर महालेखाकार राजस्थान सरकार ने स्पोट्र्स कौंसिल से जवाब मांगा है। अब स्पोट्र्स कौंसिल ने इस लापरवाही के लिए जेडीए से संबंधित तकनीकी अधिकारियों के नाम पूछे हैं और इनके खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बताने को कहा है। साथ ही, स्पोट्र्स कौंसिल ने इस ट्रैक में अधूरी छोड़ी गई सुविधाओं को फिर से बनाने को कहा है। 
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सिर्फ रनिंग ट्रैक बनाकर छोड़ा

गोशाला में बने इस ट्रैक को जेडीए अधिकारियों ने कंपनी से सिर्फ रनिंग ट्रैक बनवा दिया, जबकि रनिंग ट्रैक के साथ ही इस ट्रैक पर लोंग जंप और ट्रिपल जंप के साथ-साथ गोला फेंकने, हैमर फेंकने सहित डिस्कस थ्रो के लिए रिंग बननी थी। अब रनिंग ट्रैक को उखाड़कर जेडीए को यह काम फिर से करवाना होगा।
ट्रैक का विवरण

रनिंग सिंथेटिक ट्रैक तीन करोड़ की लागत से बना है। इस ट्रैक की चौड़ाई 10.5 मीटर और लंबाई 400 मीटर यानि 8 लेन ट्रैक है। यह ट्रैक करीब 30 एमएम की मोटाई का है। ट्रैक अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक तैयार करने के लिए बनाया जा रहा है। रनिंग ट्रैक के साथ ही डिस्कस, हैमर, गोला फेंक, जंपिग ट्रैक भी तैयार किए जाने हैं, लेकिन यह तैयार नहीं हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बन रहे इस ट्रैक की अवधि 10 साल की होती है।
अभी से उखडऩे लगा वॉकिंग ट्रैक

वॉकिंग ट्रैक 2 करोड़ की लागत से बना है। ट्रैक की चौड़ाई 4 मीटर और लंबाई 800 मीटर है। इसकी लेयर 6 एमएम मोटी है। यह भी सिंथेटिक ट्रैक है, लेकिन इसे वॉकिंग के लिए बनाया है। इसका निर्माण गणेश स्पोट्र्स हैदराबाद की कंपनी ने किया है। जेडीए के अनुसार इसकी गारंटी भी तीन साल की है, लेकिन ट्रैक की स्थिति अभी से खराब हो गई है। कंपनी ने हाल ही ट्रैक के उखडऩे पर कई जगह फिर से लीपापोती कर इसे ठीक करवाया है। लेकिन यह फिर से उखडऩे जैसी स्थिति है।
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इनका कहना है

अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिंथेटिक ट्रैक को तैयार करने के लिए जेडीए को खेल के एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए थी। लेकिन जेडीए ने बिना खेल एक्सपर्ट से जानकारी लिए इस ट्रैक को बनवाया है, इसमें काफी कमियां है। अब स्पोट्र्स कौंसिल लापरवाही बरतने पर जवाब मांग रही है और इसे फिर से बनवाने की बात कह रही है। -सोहन चौधरी, खेल अधिकारी, स्पोट्र्स कौंसिल

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