ALSO READ: ये घोटाला डालेगा हैरत में, कचरे की जगह पत्थर ढोते थे जोधपुर निगम के डम्पर सिर्फ रनिंग ट्रैक बनाकर छोड़ा गोशाला में बने इस ट्रैक को जेडीए अधिकारियों ने कंपनी से सिर्फ रनिंग ट्रैक बनवा दिया, जबकि रनिंग ट्रैक के साथ ही इस ट्रैक पर लोंग जंप और ट्रिपल जंप के साथ-साथ गोला फेंकने, हैमर फेंकने सहित डिस्कस थ्रो के लिए रिंग बननी थी। अब रनिंग ट्रैक को उखाड़कर जेडीए को यह काम फिर से करवाना होगा।
ट्रैक का विवरण रनिंग सिंथेटिक ट्रैक तीन करोड़ की लागत से बना है। इस ट्रैक की चौड़ाई 10.5 मीटर और लंबाई 400 मीटर यानि 8 लेन ट्रैक है। यह ट्रैक करीब 30 एमएम की मोटाई का है। ट्रैक अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक तैयार करने के लिए बनाया जा रहा है। रनिंग ट्रैक के साथ ही डिस्कस, हैमर, गोला फेंक, जंपिग ट्रैक भी तैयार किए जाने हैं, लेकिन यह तैयार नहीं हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बन रहे इस ट्रैक की अवधि 10 साल की होती है।
अभी से उखडऩे लगा वॉकिंग ट्रैक वॉकिंग ट्रैक 2 करोड़ की लागत से बना है। ट्रैक की चौड़ाई 4 मीटर और लंबाई 800 मीटर है। इसकी लेयर 6 एमएम मोटी है। यह भी सिंथेटिक ट्रैक है, लेकिन इसे वॉकिंग के लिए बनाया है। इसका निर्माण गणेश स्पोट्र्स हैदराबाद की कंपनी ने किया है। जेडीए के अनुसार इसकी गारंटी भी तीन साल की है, लेकिन ट्रैक की स्थिति अभी से खराब हो गई है। कंपनी ने हाल ही ट्रैक के उखडऩे पर कई जगह फिर से लीपापोती कर इसे ठीक करवाया है। लेकिन यह फिर से उखडऩे जैसी स्थिति है।
ALSO READ: अब डाकिए देंगे फसलों की रियल टाइम रिपोर्ट, ISRO ने प्रोजेक्ट के तौर पर चुना जोधपुर को इनका कहना है अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिंथेटिक ट्रैक को तैयार करने के लिए जेडीए को खेल के एक्सपर्ट से राय लेनी चाहिए थी। लेकिन जेडीए ने बिना खेल एक्सपर्ट से जानकारी लिए इस ट्रैक को बनवाया है, इसमें काफी कमियां है। अब स्पोट्र्स कौंसिल लापरवाही बरतने पर जवाब मांग रही है और इसे फिर से बनवाने की बात कह रही है। -सोहन चौधरी, खेल अधिकारी, स्पोट्र्स कौंसिल