शोध की रिपोर्ट में सामने आया कि उत्तराखंड के साथ-साथ देश के तमाम पर्वतीय इलाकों में हालात काफी खराब होते जा रहे हैं। यहां स्थित करीब 30 फीसदी जलस्रोत सूख चुके हैं, तो वहीं बाकि के बचे 70 में से 45 फीसदी जलस्त्रोत सूखने वाले हैं। दुनिया भर के हिमालयी इलाकों के कुल 50 लाख से ज़्यादा जलस्त्रोत में से 30 लाख जलस्त्रोत तो केवल भारत में स्थित हिमालयी इलाके में ही हैं। ये क्षेत्र भारत के जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, असम और नागालैंड में स्थित हैं।
वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन इलाकों में रहने वाली 60 फीसदी आबादी हिमालयी जलस्त्रोतों पर ही निर्भर है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि तेज़ी से सूखते हुए जलस्त्रोतों को समय रहते नहीं रोका गया तो स्थिति इतनी भयानक हो जाएगी कि नियंत्रण करना काफी मुश्किल हो जाएगा। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने बताया कि नीति आयोग ने हालातों को गंभीरता से देखते हुए टास्क फोर्स का गठन कर दिया है, जो आने वाली भारी मुसीबत को रोकने के उपाय खोजने पर काम करेगा।