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चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग टीम में शामिल है ये किसान का बेटा, पिता ने कही ये बात

Published: Jul 23, 2019 02:11:30 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

सोमवार को चंद्रयान को सफलातपूर्वक लॉन्च कर दिया गया
पीएम मोदी ने दी इसरो को बधाई

isro

नई दिल्ली: भारत ने मिशन चंद्रयान-2 ( chandrayaan-2 ) की सफल लॉन्चिंग करके इतिहास रच डाला। 22 जुलाई के दिन दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर इसको सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) समेत पूरे देश ने इसरो को बधाईयां दी। इसरो ( ISRO ) की टीम ने दिन-रात एक करके इस मिशन को लॉन्च किया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मिशन की कहानी एक किसान के बेटे के साथ जुड़ी हैं, जो कि इसरो की इस टीम का हिस्सा है।

 

https://twitter.com/hashtag/ISRO?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

कौन हैं चंद्रकांता

पश्चिम बंगाल ( West Bengal ) के कोलकाता ( Kolkata ) के शिबपुर गांव में किसान मधुसूदन कुमार के घर में जब बेटा हुआ तो वो उसका नाम सूर्यकांता रखना चाहते थे। लेकिन एक स्कूल टीचर की सलाह पर उन्होंने अपने बेटे का नाम चंद्रकांता रख दिया। अब ये शायद विधि का विधान ही था कि नाम चंद्रकांता और चंद्रकांता आज इसरो की टीम के चंद्रयान-2 मिशन का हिस्सा हैं। वो एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ( scientist ) हैं, जो कि चंद्रयान-2 मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं। चंद्रकांता ने भारतीय उपग्रहों और ग्राउंड स्टेशनों के लिए एंटीना सिस्टम डिजाइन किया है। उन्होंने चंद्रयान -1, GSAT-12 और ASTROSAT के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर और एंटीना सिस्टम के तौर पर काम किया। वर्तमान में वह डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं, जो चंद्रयान -2 की आरएफ प्रणाली के लिए जिम्मेदार हैं और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक्स’ खंड के प्रमुख हैं।

https://twitter.com/hashtag/GSLVMkIII?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

छोटे भाई भी हैं वैज्ञानिक

चंद्रकांता के छोटे भाई शशिकांत हैं और उनका नाम भी चांद पर रखा गया है। शशिकांत भी वैज्ञानिक है। मीडिया से बताचीत के दौरान चंद्रकांता के पिता मधुसूदन ने कहा कि जब इस मिशन को टाला गया तो उन्हें दुख हुआ था। वो कहते हैं कि वो खेतों के काम में व्यस्त होने के कारण मैं कभी उसे पढ़ा ही नहीं पाया। साल 2001 में चंद्रकांता इसरो में शामिल हुए। पिता कहते हैं कि ये सब उनकी मेहनत का नतीजा है।

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