ये थी वो इच्छा
ये बात है 14 जनवरी की जब प्रकाश पंत ( Prakash Pant ) उत्तरायणी मेले का शुभारंभ करने के लिए बागेश्वर आए हुए थे। इसी दौरान जन प्रतिनिधियों समेत यहां के लोगों ने उनसे मांग की कि वो पर्यटन को बढ़ाने के लिए योजना बनाए। लोगों की इसी बात पर उन्होंने आश्वासन दिया था कि अल्मोड़ा के प्रसिद्ध जागेश्वर और कुमाऊं की काशी के बागनाथ मंदिर तक सैलानियों की आमद बढ़ाने के लिए एक रास्ता बनाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनकी इच्छा है कि उत्तराखंड में चार धाम के साथ-साथ एक और यानि पांचवां धाम बनाया जाए। इसीलिए इसको पांचवां धाम नाम दिया जाएगा। यही नहीं पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल के मुताबिक, लोग लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उत्तरायणी मेले को राजकीय बनाया जाए। इस पर प्रकाश पंत ने हर मदद का आश्वासन दिया था।
लोगों की उम्मीदों को लगा धक्का
प्रकाश पंत के आश्वास के बाद लोगों की उम्मीद इस बात को लेकर बढ़ी थी कि बागनाथ नगरी में पर्यटन बढ़ेगा। लेकिन पंत के निधन के बाद उनकी उम्मीदों को धक्का लगा है। लगता है ये इच्छा अब अधूरी रह गई है। सुरेश खेतवाल ने बताया कि प्रकाश का लक्ष्य पिछड़े जिलों में पर्यटन को बढ़ावा देना था। इसी कारण उन्होंने देश और दुनिया में मशहूर उत्तरायणी मेले के लिए बागेश्वर ( Bageshwar ) को पांचवां धाम बनाने का आश्वासन दिया था।
3 दिन का राजकीय शोक घोषित, पीएम ने जताया दुख
प्रकाश पंत के निधन के बाद राज्य में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) ने ट्वीट करके शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने ट्विट में लिखा ‘उत्तराखंड के वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत के निधन से दुख हुआ है। उनके सांगठनिक कौशन ने बीजेपी को मजबूती प्रदान की और प्रशासनिक दक्षता ने उत्तराखंड के विकास में योगदान दिया। उनके परिवार एवं समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’
सीएम रावत ने कही ये बात
वहीं उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ( Trivendra Singh Rawat ) ने भी दुख जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा ‘उत्तराखंड में मेरे वरिष्ठ सहयोगी एवं प्रदेश के वित्तमंत्री श्री प्रकाश पंत जी का अमेरिका में इलाज के दौरान स्वर्गवास होने का समाचार पा कर स्तब्ध भी हूँ और व्यथित भी। प्रकाश जी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत एवं अपूर्णीय क्षति है; उनके निधन से हमारा तीन दशक पुराना साथ यादों में रह गया।’