क्या है विज्ञापन में? विज्ञापन के मुताबिक, एक लड़की रेलवे ट्रेक के बीचों-बीच रस्सी से बंधी है और तेज रफ्तार ट्रेन सामने से आ रही है। वह चिल्लाती हुई नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर फोटो घूमी तो लोगों को इसे देखकर गुस्सा आया। यूजर्स का कहना है कि इस विज्ञापन के जरिए महिला को लाचार दिखाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि कोई इसका मजाक कैसे बना सकता है।
कोर्ट ने विज्ञापन को कानूनी रूप से सही माना जानकारी के मुताबिक, विरोध सिर्फ सोशल मीडिया तक ही नहीं सीमित रहा, बल्कि फ्रांस की समानता मंत्री सहित अन्य फेमिनिस्ट ग्रुप्स ने मिलकर कोर्ट में इसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया। हालांकि, स्थानीय कोर्ट ने इस विज्ञापन को कानूनी रुप से सही माना है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक ये पोस्टर महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देते। कोर्ट ने ये भी कहा कि इसमें सिर्फ संदिग्ध हास्य का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, शहर के मेयर रोबर्ट मेनार्ड ने टवी्ट के जरिए विज्ञापन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि क्या हम सिनेमा, कार्टून, और गानों में से महिलाओं के मरने वाले सभी उदाहरण बैन कर दें?
लोगों के जख्म हुए ताजा! फ्रांस में रहने वाली 34 साल की एमिली हैलोउइन को उसके पति ने ट्रेन की पटरी से बांध दिया था। ट्रेन उसे चीरते हुए निकल गई थी। ये विज्ञापन भी कुछ इसी तरह से दर्शाया गया है। इसी वजह से इस विज्ञापन को उस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।