हाइड्रोजन ऊर्जा से चलता है ट्रेन का इंजन यूरोप की सबसे बड़ी रेल कंपनी Alstom ने जर्मनी के साल्जगिटर में Coradia iLint नामक इंजन का निर्माण किया है। इस इंजन में फ्यूल सेल्स लगे हैं जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को इलेक्ट्रिसिटी में कन्वर्ट करते हैं। यह हाइड्रोजन ऊर्जा से चलता है। पानी का रासायनिक तत्व हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होता है। दो हिस्सा हाइड्रोजन और एक हिस्सा ऑक्सीजन के मिश्रण से पानी बनता है, जिसे हम रासायन शास्त्र में H2O फॉर्मूले के रूप में जानते हैं।
कई देशों ने तकनीक को खरीदने में दिखाई दिलचस्पी
जानकारी के मुताबिक, यह इंजन 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। यह धुंआ की जगह भाप और पानी का उत्सर्जन करता है। कंपनी के मुताबिक ब्रिटेन, नीदरलैंड, डेनमार्क, नार्वे, इटली और कनाडा ने इस तकनीक को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
अब नहीं होगा प्रदूषण बता दें, ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने वाले कारकों में कार्बन गैसों का उत्सर्जन एक अहम कारक है और इसमें सड़कों पर चलने वाले वाहन अहम भूमिका निभाते हैं। हालांकि, कार, बस और डीजल से चलने वाले वाहनों से कार्बन गैसों का उत्सर्जन सबसे अधिक होता है। लंबी दूरी की यात्राओं के लिए आम तौर पर इस्तेमाल होने वाली ट्रेनों से हालांकि प्रदूषक पदार्थों का उत्सर्जन कम होता है, लेकिन ये भी कार्बन गैसों के उत्सर्जन का प्रमुख कारक हैं। हालांकि, अब इस ट्रेन से बिल्कुल प्रदूषण नहीं होगा।