पूरे पैसे लगा दिए इस शख्स ने
उड़ीसा के एक गांव में पिछले 14 सालों से एक निर्माणाधीन पुल के बनने का इंतजार सबको था, लेकिन ये नहीं बना। ऐसे में उड़ीसा के क्योंझर जिले के कानपुर गांव में रहने वाल गंगाधर राउत ने इसे बनाने की ठानी। उन्हें रिटायरमेंट में 12 लाख रुपये मिले। वो इस पैसे को इस अधूरे पड़े पुल को पूरा करवाने में लगाने जा रहे हैं। जहां लोग अपने रिटायरमेंट के पैसे से अपनी बाकी जिंदगी जीने की सोचते हैं, तो वहीं गंगाधर इस मामले में बाकी सबसे अलग हैं। ये काम सरकार द्वारा होना चाहिए था, लेकिन अब गंगाधार इसको मानसून से पहले पूरा करवाएंगे।
पूरा नहीं पड़ा सरकार का पैसा
गंगाधर का गांव सालांदी नदी के किनारे है। इसके आसपास लगभग 10 हजार लोग रहते हैं। वहीं मानसून में नदी ( river ) का पानी बढ़ने से गांव वालों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट जाता है। इसी वजह से इस पुल का निर्माण करवाया जा रहा था। लेकिन पिछले 14 सालों से ये तैयार नहीं हो सका। वहीं जब क्षेत्रीय लोगों ने अनुरोधन किया था तब ‘बोला ट्रक ओनर्स एसोसिएशन’ ने सबसे पहले साल 2005 में पुल के निर्माण के लिए 1 लाख रुपये दिए थे। लेकिन ये पैसे कम पड़ गए। इसके बाद ‘हातादिधि ब्लॉक’ प्रशासन ने 4 लाख रुपये दिए। इस फंड से 12 स्पैन पुल के महज 2 स्पैन ही तैयार हो पाए।