राहुल के पिता दिनेश भार्गव पेशे से एक शिक्षक हैं, जो अपने बेटे को डिप्टी कलेक्टर बनाने का सपना देख रहे थे। लेकिन राहुल अपने पिता के इस सपने को पूरा नहीं कर पा रहा था। वह पिछले आठ साल से इंजीनियरिंग कर रहा था, लेकिन सफल नहीं हो पाया। इसी वजह से वह डिप्रेशन का भी शिकार हो गया। देखते ही देखते उसे बीपी की समस्या भी होने लगी, जिससे बचने के लिए वह दवाइयां भी ले रहा था। ब्लड प्रेशर की 170 गोलियां खाने के बाद जब राहुल की तबियत बिगड़ने लगी तो उसने सोनू जाट नाम के एक दोस्त के पास मैसेज भी किया।
राहुल का आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। राहुल ने खुद ही बताया कि उसने बीपी की 170 टैबलेट खाई हैं। राहुल की इस बात को सुनने के बाद डॉक्टरों ने उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। हालांकि पुलिस को राहुल का कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने राहुल के फोन को अपने कब्ज़े में ले लिया है, ताकि उससे कुछ ज़रूरी सुराग मिल सकें। फिलहाल पुलिस राहुल के लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की छानबीन में जुटी हुई है।