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यहां उल्टी बह रही गंगा, बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब हैरान

locationहोशंगाबादPublished: Jan 30, 2019 06:28:07 pm

Submitted by:

govind chouhan

जो होना था गर्मी में वह हो रहा सर्दी में, शिकायत के बाद नहीं समस्या का निराकरण नहीं

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यहां उल्टी बह रही गंगा, बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब हैरान

पिपरिया. जब कोई काम उम्मीद के विपरीत होने लगता है तो उसे कहते हैं उल्टी गंगा बहना। ऐसा ही कुछ इन दिनों समीपस्थ ग्राम लांझी में देखने को मिल रहा है। आमतौर पर देखा जाता है कि बारिश के बाद सर्दी के मौसम में भूमि का जल स्तर इतना अधिक होता है कि जल संकट के बारे में तो सोचा ही नहीं जा सकता लेकिन ग्राम लांझी में इन दिनों स्थिति इसके विपरीत स्थिति है। यहां सर्दी में ही जलस्तर इतना नीचे खिसक गया है कि गांव के हैंडपंपों ने कड़कड़ाती ठंड में पानी देना बंद कर दिया है। इसके चलते बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी जल संकट से जूझ रहे हैं। जिसका कोई हल नहीं निकल पा रहा है। समस्या को लेकर ग्रामीण परेशान हैं कि जब सर्दी में यह हाल है तो गर्मी में क्या होगा।
जानकारी अनुसार शासन ने ग्रामीणों की सुविधा के लिए गांव में हैंडपंप खनन तो पर्याप्त करा दिए लेकिन इनका संचालन और संधारण भगवान भरोसे है। स्थिति यह है कि कहीं तो शिकायत के बाद हैंडपंपों में सुधार हो गया है और कहीं बार-बार शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते ग्रामीणों के साथ ही स्कूली बच्चे तक पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। हैंडपंप खराब होने से बच्चों को पीने का पानी अपने घरों से अथवा आसपास के खेतों में लगे नलकूपों से लाना पड़ रहा है। मामले में ग्रामीण और स्कूल प्रधान पाठक पीएचई को अवगत करा चुके हैं बावजूद इसके हैंडपंपों में सुधार नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पूरे गांव में करीब १० हैंडपंप हैं लेकिन एक भी चालू नहीं है। इनमें सरकारी प्राथमिक शाला में दो हैंडपंप खनन हुए लेकिन एक भी पानी नहीं फेंक रहा है जिससे स्कूल प्रबंधन पेयजल की परेशानी से जूझ रहा है। बच्चे घर से ही पानी की बॉटल लेकर स्कूल पहुंचते है जो नहीं ला पाते वे आसपास के खेत में चलते टयूबवैल से पीने का पानी लाने का मजबूर हैं। इतना ही नहीं मध्यान्ह भोजन बनाने वाला समूह भी पानी की परेशानी झेल रहा है। स्कूल का हैंडपंप चालू था तब कोई परेशानी नही थी लेकिन लंबे समय से हैंडपंप बंद होने पर समूह की महिलाएं भी भोजन बनाने दूर टयूबवेल से पानी भर कर लाती है फिर भोजन तैयार करती है।
हैंडंपंपों में बढ़ाए जाएं पाइप
पूर्व जनपद सदस्य विजय राय के अनुसार गांव में करीब १० हैंडपंप है। लेकिन जल स्तर खिसकने से हैंडपंपों ने पानी उगलना बंद कर दिया है इसमें पाइप बढ़ाए जाए तभी इनका संचालन सुचारु हो सकता है। ग्रामीण दूरदराज से पानी भरकर लाते हैं इसके बाद खेती किसान अथवा मजदूरी जैसा उनका दैनिक कार्य शुरु होता है।

अन्य गांवों में भी संकट की आहट
लांझी से सटे गांव राइखेड़ी, नंदबाड़ा में भी जल स्तर गिरने से पीएचई के हैंडपंपों ने काम करना बंद कर दिया है। इन गांवों में भी आसानी से पेयजल की व्यवस्था मध्यम गरीब परिवार में नहीं हो पा रही है। हैंडपंप की कमी नहीं है केवल इनका संधारण उचित तरीके से नही हो पा रहा है। बीजनबाड़ा, बैंक कॉलोनी इलाके में भी जल स्तर की समस्या गंभीर है समय रहते यहां प्रशासन नहीं जागा तो गर्मी में पानी का संकट बढ़ेगा।

इनका कहना है …
स्कूल के दोनों हैंडपंप बंद हैं। बच्चे पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। पीएचई रजिस्टर में शिकायत दर्ज कराई है लेकिन आज तक सुधार नहीं हुआ है। समस्या गंभीर है विभाग को प्राथमिकता से स्कूल के हैंडपंपो में सुधार करना चाहिए।
केके शर्मा, स्कूल शिक्षक, लांझी

स्कूल सहित पूरा गांव हैंडपंप बंद होने से जलसंकट से जूझ रहा है। विभाग को अवगत कराया है कोई सुनवाई नही हुई। खेतों से पानी भरकर लाना पड़ रहा है जबकि गांव में १० हैंडपंप हैं जो बंद पड़े हैं।
-रामस्नेही पटेल, संतोष पटेल ग्रामीण

जल स्तर ६०-७० फीट से गिरकर ९५-१०० फीट पर पहुंच गया है। स्कूल हैंडपंपों को प्राथमिकता से चालू कराया जाएगा। गांव के कुछ हैंडपंप चालू हंै कुछ में पाइप बढ़ाकर उन्हें चालू कराएंगे। जल्द ही गांव का भ्रमण करेंगे।
-नरेश कुवाल, एसडीओ पीएचई
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