2004 में हुई थी समिति की स्थापना
वर्ष 2004 में केसला पोल्ट्री सहकारी समिति की स्थापना हुई थी। आदिवासी महिलाओं की यह समिति अपने-अपने गांव में मुर्गी पालन का कार्य करती हैं। 2004 में कुल 276 महिलाएं सदस्य थी। वर्ष 2018 में 47 गांव में 39 सुपरवाइजर की निगरानी में मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है।
वर्ष 2004 में केसला पोल्ट्री सहकारी समिति की स्थापना हुई थी। आदिवासी महिलाओं की यह समिति अपने-अपने गांव में मुर्गी पालन का कार्य करती हैं। 2004 में कुल 276 महिलाएं सदस्य थी। वर्ष 2018 में 47 गांव में 39 सुपरवाइजर की निगरानी में मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है।
खुद चूजे बनाती है समिति
सुखतवा चिकन के नाम से प्रदेश भर में प्रसिद्ध यहां की मुर्गियां देश के कई राज्यों में इसकी सप्लाई होती है। सहकारी समिति की मुख्य संस्था मप्र वुमेन पोल्ट्री प्रोड्यूसर्स कंपनी है। जिसने स्वयं के चूजे बनाने की फैक्ट्री जमानी में स्थापित की है। कंपनी में विदेशी बैंक से ऋण लेकर कीरतपुर औद्योगिक क्षेत्र में मुर्गी दाना फैक्ट्री स्थापित किया है।