7 माह तक के नवजातों को होती है रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी
आरबीएसके के को-ऑर्डिनेटर बृजेंद्र वर्मा ने बताया कि आमतौर पर प्री-मैच्योर शिशुओं में रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी के कारण अंधापन आ जाता है। इस बीमारी में आंख की रेटिना का पर्दा खिंच जाता है। इससे रेटिना पर दृश्य बनना बंद हो जाता है। यह बीमारी अधिकतर 6 से 7 माह में पैदा होने वाले शिशुओं में होती है।
आरबीएसके के को-ऑर्डिनेटर बृजेंद्र वर्मा ने बताया कि आमतौर पर प्री-मैच्योर शिशुओं में रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी के कारण अंधापन आ जाता है। इस बीमारी में आंख की रेटिना का पर्दा खिंच जाता है। इससे रेटिना पर दृश्य बनना बंद हो जाता है। यह बीमारी अधिकतर 6 से 7 माह में पैदा होने वाले शिशुओं में होती है।
इनका कहना. आरओपी क्लीनिक में चार बच्चों को चिंहित किया गया था, लेकिन लेजर के लायक अभी दो नवजातों को पाया गया है। जल्द ही इनका लेजर कराया जाएगा। ऑपरेशन के प्रस्तावों को तैयार कराया जा रहा है। – बृजेंद्र वर्मा, को-ऑर्डीनेटर आरबीएसके व समर्पण व्यवस्थापक