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रेटिनापैथी के लिए पहले दो नवजात किए चिंहित

locationहोशंगाबादPublished: Jan 20, 2019 02:29:15 pm

५ जनवरी से एसएनसीयू में शुरू हुए क्लीनिक कि दूसरी ओपीडी में मिले बच्चे

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रेटिनापैथी के लिए पहले दो नवजात किए चिंहित

होशंगाबाद. जिला अस्पताल के एसएनसीयू में लगने वाली आरओपी क्लीनिक में पहली बार दो नवजात आंख की समस्याओं के लिए चिंहित हुए हैं। प्री-मैच्योर शिशु में अमूमन पाई जाने वाली अंधेपन की बीमारी रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योर (आरओपी) का निशुल्क उपचार इन नवजातों को मिलगा। दोनों बच्चों को लेजर से ऑपरेशन के लिए चिंहित कर बाहर भेजने की तैयारियां की जा रही हैं। आरबीएसके को-ऑर्डिनेटर बृजेंद्र वर्मा ने बताया कि इसमें सिवनीमालवा निवासी बेबी ऑफ दुर्गा पति महेंद्र (१९/१२/१८ ) और बनखेड़ी के बेबी ऑफ नीतू पति दुर्गेश(०८/१२/१८) मछेराकला बनखेड़ी का चिंहित किया है। दोनों के लेजर से ऑपरेशन कराए जाएंगे।
7 माह तक के नवजातों को होती है रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी
आरबीएसके के को-ऑर्डिनेटर बृजेंद्र वर्मा ने बताया कि आमतौर पर प्री-मैच्योर शिशुओं में रेटिनोपैथी ऑफ प्री-मैच्योरिटी के कारण अंधापन आ जाता है। इस बीमारी में आंख की रेटिना का पर्दा खिंच जाता है। इससे रेटिना पर दृश्य बनना बंद हो जाता है। यह बीमारी अधिकतर 6 से 7 माह में पैदा होने वाले शिशुओं में होती है।
इनका कहना.

आरओपी क्लीनिक में चार बच्चों को चिंहित किया गया था, लेकिन लेजर के लायक अभी दो नवजातों को पाया गया है। जल्द ही इनका लेजर कराया जाएगा। ऑपरेशन के प्रस्तावों को तैयार कराया जा रहा है। – बृजेंद्र वर्मा, को-ऑर्डीनेटर आरबीएसके व समर्पण व्यवस्थापक

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