ये है मामला
22 जुलाई को संपन्न हुए छावनी परिषद के चुनाव के पहले महिला वार्ड आरक्षण में अनियमितता के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर हुई थीं। चुनाव से पहले महिला वार्ड आरक्षण को लेकर स्थानीय तीन लोगों ने छावनी परिषद के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी यहां निराकरण नहीं होने पर आपत्तिकर्ताओं ने हाइकोर्ट में इस मुददे पर याचिका दायर की है। इनमें एक याचिका कांग्रेस और दो याचिकाएं बीजेपी की तरफ से दायर की गई थीं। इसकी सुनवाई 1 अगस्त को की गई। जिसमें सुनवाई 4 सप्ताह के लिए टाल दी गई है।
22 जुलाई को संपन्न हुए छावनी परिषद के चुनाव के पहले महिला वार्ड आरक्षण में अनियमितता के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर हुई थीं। चुनाव से पहले महिला वार्ड आरक्षण को लेकर स्थानीय तीन लोगों ने छावनी परिषद के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई थी यहां निराकरण नहीं होने पर आपत्तिकर्ताओं ने हाइकोर्ट में इस मुददे पर याचिका दायर की है। इनमें एक याचिका कांग्रेस और दो याचिकाएं बीजेपी की तरफ से दायर की गई थीं। इसकी सुनवाई 1 अगस्त को की गई। जिसमें सुनवाई 4 सप्ताह के लिए टाल दी गई है।
कांग्रेस ने बनाई परिषद
7 वार्डों के लिए 22 जुलाई 2018 को हुए चुनाव में कांग्रेस 6-1 से जीती है। इस पर भी हाईकोर्ट की तलवार लटकी है। इस तरह रद्द हुए थे पिछले चुनाव
उल्लेखनीय है कि 15 मई 2015 को हुए चुनाव में भाजपा ने 5-2 से छावनी परिषद चुनाव जीता था इसके तत्काल बाद हाईकोर्ट का फैसला आने से चुनाव रदद हो गया था। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों को मतदाता सूची में शामिल होने पर चुनाव रदद कर दोबारा चुनाव के आदेश दिए थे।
7 वार्डों के लिए 22 जुलाई 2018 को हुए चुनाव में कांग्रेस 6-1 से जीती है। इस पर भी हाईकोर्ट की तलवार लटकी है। इस तरह रद्द हुए थे पिछले चुनाव
उल्लेखनीय है कि 15 मई 2015 को हुए चुनाव में भाजपा ने 5-2 से छावनी परिषद चुनाव जीता था इसके तत्काल बाद हाईकोर्ट का फैसला आने से चुनाव रदद हो गया था। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमणकारियों को मतदाता सूची में शामिल होने पर चुनाव रदद कर दोबारा चुनाव के आदेश दिए थे।