कश्मीर सिंह उप्पल बताते हैं कि वे अपनी पत्नी के देहांत और दो बेटों के मुंबई जाने के बाद डॉ. तिवारी इटारसी की इंगल चाल के खपरैल वाले पुराने मकान में ही रहे। इस मकान पर कभी नेमप्लेट नहीं लगाई। जिससे यह पता लगे कि यह घर फिल्म डॉयरेक्टर का है।
एमजीएम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य शिक्षाविद् डॉ. ब्रह्मदत्त तिवारी (82)। यकीन नहीं हो रहा कि वे नहीं रहे। कश्मीर सिंह उप्पल ने बताया कि वे हमेशा कहते थे कि बेटा रोज फोन पर कहता है, मुंबई आ जाओ। लेकिन उनको कौन समझाए कि मुंबई की चकाचौंध से मेरी इटारसी की ये इंगल चाल ही अच्छी है। किताबों के बीच समय गुजर जाता है। 20 साल पहले रिटायर होने के बाद मेरा मन तो इसी इटारसी शहर और इंगल चाल में रचा-बसा है। यहां चार लोग दुआ-सलाम करने वाले तो हैं।
डॉ. ब्रह्मदत्त तिवारी एक अच्छे चित्रकार और ज्योतिष विद्या के ज्ञाता थे। उनके जीवन में जुलाई माह का संयोग अनूठा है। 18 जुलाई 1937 को उप्र के एटा जिले की तहसील अलीगंज के गांव राजा का रामपुर में जन्म हुआ। 26 जुलाई 1960 को इटारसी के एमजीएम राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक बने। 14 जुलाई 1958 को ही इस कॉलेज की स्थापना हुई थी। 31 जुलाई 1997 को वे रिटायर हुए। 17 जुलाई 2019 को अवसान यात्रा पर चले गए।