… तो छात्र अयोग्य माना जाएगा
बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने जारी सर्कुलर में कहा कि बोर्ड द्वारा मान्य विषयों के अलावा अन्य विषयों में अगर स्कूल छात्र का रजिस्ट्रेशन करता है, तो ऐसे विषय में बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे छात्र को अयोग्य माना जायेगा।
अतिरिक्त विषय के लिए अनुमति जरूरी
बोर्ड के मुताबिक कोई छात्र अतिरिक्त विषय लेना चाहता है, तो पहले स्कूलों को अनुमति लेनी होगी। अगर विज्ञान, कला, वाणिज्य संकाय में जिसकी संबद्धता होगी, उसी में स्कूल को नामांकन लेना होगा। इन संकाय के अलावा अतिरिक्त विषय के लिए भी बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
पकड़ में आए थे कई स्कूल
बोर्ड के अफसरों का मानना है कि ये व्यवस्था इसलिए की गई कि इस साल 2019 की परीक्षा से पहले 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन के बाद ऐसे कई निजी स्कूलों का पता चला, जिन्होंने ऐसे कई विषयों को पढ़ाना शुरू कर दिया था, जिसकी संबद्धता बोर्ड ने दी ही नहीं थी। इन स्कूलों को नोटिस देकर बोर्ड ने छोड़ दिया था, लेकिन इस बार सख्त कार्रवाई होगी।
बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने जारी सर्कुलर में कहा कि बोर्ड द्वारा मान्य विषयों के अलावा अन्य विषयों में अगर स्कूल छात्र का रजिस्ट्रेशन करता है, तो ऐसे विषय में बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे छात्र को अयोग्य माना जायेगा।
अतिरिक्त विषय के लिए अनुमति जरूरी
बोर्ड के मुताबिक कोई छात्र अतिरिक्त विषय लेना चाहता है, तो पहले स्कूलों को अनुमति लेनी होगी। अगर विज्ञान, कला, वाणिज्य संकाय में जिसकी संबद्धता होगी, उसी में स्कूल को नामांकन लेना होगा। इन संकाय के अलावा अतिरिक्त विषय के लिए भी बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।
पकड़ में आए थे कई स्कूल
बोर्ड के अफसरों का मानना है कि ये व्यवस्था इसलिए की गई कि इस साल 2019 की परीक्षा से पहले 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन के बाद ऐसे कई निजी स्कूलों का पता चला, जिन्होंने ऐसे कई विषयों को पढ़ाना शुरू कर दिया था, जिसकी संबद्धता बोर्ड ने दी ही नहीं थी। इन स्कूलों को नोटिस देकर बोर्ड ने छोड़ दिया था, लेकिन इस बार सख्त कार्रवाई होगी।
पैरेंट्स से भरवा रहे अंडरटेकिंग फार्म
सीबीएसई से उक्त निर्देश मिलने के बाद सभी स्कूल संचालक स्वयं भी बच्चों और पैरेंट्स से अंडरटेकिंग फार्म भरवा रहे हैं, जिसमें माता- पिता और बच्चों का पूरा नाम, जन्म दिनांक, पता के साथ ही बच्चों द्वारा लिए गए विषय आदि भरवाया जा रहा है। ताकि आगे कभी पैरेंट्स जानकारी को लेकर किसी तरह की दावा- आपत्ति न कर सकें और बच्चों को भी किसी तरह की परेशानी न हो सकें।
&सेंट्रल स्कूलों में जो एफिलेटेड विषय होते हैं, वे ही बच्चों से भरवाए जाते हैं। रजिस्ट्रेशन के समय इस पर ध्यान देकर सीबीएसई के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
शिवप्रताप, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय एक, इटारसी
सीबीएसई से उक्त निर्देश मिलने के बाद सभी स्कूल संचालक स्वयं भी बच्चों और पैरेंट्स से अंडरटेकिंग फार्म भरवा रहे हैं, जिसमें माता- पिता और बच्चों का पूरा नाम, जन्म दिनांक, पता के साथ ही बच्चों द्वारा लिए गए विषय आदि भरवाया जा रहा है। ताकि आगे कभी पैरेंट्स जानकारी को लेकर किसी तरह की दावा- आपत्ति न कर सकें और बच्चों को भी किसी तरह की परेशानी न हो सकें।
&सेंट्रल स्कूलों में जो एफिलेटेड विषय होते हैं, वे ही बच्चों से भरवाए जाते हैं। रजिस्ट्रेशन के समय इस पर ध्यान देकर सीबीएसई के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
शिवप्रताप, प्राचार्य केंद्रीय विद्यालय एक, इटारसी