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सो रहा है हरियाणा का महिला आयोग!

locationहिसारPublished: Aug 11, 2017 11:54:00 pm

विकास बराला की गिरफ्तारी के बाद अब जहां प्रदेश के मंत्री धीरे-धीरे बोलने लगे हैं वहीं हरियाणा का महिला आयोग इस मुद्दे पर अभी तक मूकदर्शक बना हुआ है

pratibha suman

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चंडीगढ़। हरियाणा के आईएएस अधिकारी की बेटी के साथ छेड़छाड़ के मामले में भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला की गिरफ्तारी के बाद अब जहां प्रदेश के मंत्री धीरे-धीरे बोलने लगे हैं वहीं हरियाणा का महिला आयोग इस मुद्दे पर अभी तक मूकदर्शक बना हुआ है।


चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक बहस का विषय बने वर्णिका छेड़छाड़ कांड पर जहां पूरा देश खड़ा हो गया है वहीं हरियाणा महिला आयोग की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। चार अगस्त की रात को घटना के बाद से लेकर आज हरियाणा हरियाणा महिला आयोग की कथित मूकदर्शिता ने आयोग की गरिमा को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है।


हरियाणा में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद महिला आयोग विवादों में रहा है। पूर्व हुड्डा सरकार के समय में कमलेश पांचाल को महिला आयोग की अध्यक्षा तथा सुमन दहिया को महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सत्ता परिवर्तन के बाद महिला आयोग तथा प्रदेश सरकार के बीच ठनी रही। मामला हाईकोर्ट में भी गया। हुड्डा सरकार द्वारा नियुक्त महिला आयोग की अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने अपना कार्यकाल पूरा किया।


हरियाणा की वर्तमान सरकार ने बीती दस जुलाई को रोहतक निवासी प्रतिभा सुमन को महिला आयोग की अध्यक्षा नियुक्त किया था। प्रतिभा सुमन ने बीती 25 जुलाई को इस पद पर कार्यभार संभाला। इससे पहले वह हरियाणा भाजपा महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष पद पर रही हैं।


कार्यभार संभालने के बाद वर्णिका छेड़छाड़ का यह पहला बड़ा मामला है। जिसमें महिला आयोग ने घटनास्थल अधिकार क्षेत्र से बाहर होने का तर्क देकर चुप्पी साध ली। इस मामले में पीडि़ता न केवल पंचकूला (हरियाणा) की रहने वाली है बल्कि पीडि़ता के पिता हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस हैं। महिला आयोग का कार्यालय भी पंचकूला में ही है। इसके अलावा आरोपी भी मूल रूप से हरियाणा के फतेहाबाद जिला का रहने वाला है।


इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने जहां हस्तक्षेप करके पुलिस ने कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालिवाल ने बकायदा गृहमंत्री को पत्र लिखा है। इसके बावजूद हरियाणा महिला आयोग ने करीब सात दिन बाद भी न तो पीडि़ता से मुलाकात की, न ही पीडि़ता के समर्थन में वकीलों का पैनल खड़ा करने काम किया, न ही चंडीगढ़ पुलिस से केस के संबंध में स्टेट्स रिपोर्ट मांगी गई है। यह सभी कार्य हरियाणा महिला आयोग द्वारा किए जा सकते थे।


इस पूरे घटनाक्रम में हरियाणा महिला आयोग की कार्यशैली संदेह के दायरे में आ गई है। हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्षा प्रतिभा सुमन को इस बारे में बयान लेने के लिए कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने या तो फोन नहीं उठाया या फिर बैठक में व्यस्त होने का तर्क दिया। दूसरी तरफ हरियाणा महिला आयोग की निवर्तमान उपाध्यक्षा सुमन दहिया ने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्षा का रवैया आश्चर्यजनक है। घटना भले ही चंडीगढ़ में हुई लेकिन पीडि़ता तथा आरोपी दोनों ही उनके अधिकार क्षेत्र के हैं, और पीडि़ता के पिता हरियाणा के जिम्मेदार अधिकारी हैं।

सुमन दहिया ने कहा कि हरियाणा महिला आयोग अगर अपनी जिम्मेदारी निभाए तो वह चंडीगढ़ पुलिस द्वारा धाराएं बदलने के मामले में न केवल जवाब तलब कर सकता है बल्कि गृहमंत्रालय को कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकता है। इसके अलावा मानवता के दृष्टिकोण से पीडि़ता के साथ मुलाकात करना महिला आयोग अध्यक्षा का फर्ज था। जिसे उन्होंने नहीं निभाया। सुमन दहिया ने कहा कि वैसे तो महिला आयोग की अध्यक्षा का पद संवैधानिक होता है लेकिन वर्णिका मामले में आयोग द्वारा अपनाया गया ढुलमुल रवैया इस बात का संकेत देता है कि वह कहीं नहीं कहीं राजनीति दबाव में हो सकती हैं।

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