इनेलो में मचे घमासान के बीच पार्टी जहां दो फाड़ होने के कगार पर पहुंच गई है वहीं चौटाला परिवार भी बिखराव के कगार पर है। चौटाला परिवार को करीब से जानने वाले हरियाणा के पंजाब के राजनीतिक दलों के नेता पिछले करीब एक माह से इस कवायद में लगे हैं कि पार्टी भले ही दो फाड़ हो जाए लेकिन परिवार अलग नहीं होना चाहिए।
इस विवाद को सुलझाने के लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आगे आ गए हैं। बादल ने दीपावली से अगले दिन अजय चौटाला, अभय चौटाला, दुष्यंत चौटाला व परिवार के अन्य सभी सदस्यों के साथ फोन पर बातचीत की थी। सूत्रों की मानें तो बादल ने इस विवाद को खत्म करने के लिए अजय व अभय से बातचीत कर ली है।
शनिवार से इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि दोनों परिवारों का मुखिया होने के नाते प्रकाश सिंह बादल अजय व अभय को तलब कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो अजय सिंह चौटाला सोमवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से चंडीगढ़ में मुलाकात कर सकते हैं। इस मुलाकात में बादल न केवल पूरे घटनाक्रम पर अजय चौटाला का पक्ष सुनेंगे बल्कि इस विवाद को सुलझाने के लिए भी सक्रिय प्रयास करेंगे। बादल अगर इस विवाद को सुलझाकर परिवार को एक मंच पर ले आते हैं तो परिवार के बाद पार्टी के फिर से एकजुट होने की संभावना बन गई है।
क्या हैं बादल व चौटाला परिवार के रिश्ते
हरियाणा व पंजाब की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला व प्रकाश सिंह बादल के परिवारिक रिश्ते हमेशा से चर्चा का विषय रहे हैं। दोनों नेता पार्टी लाइन से हटकर चुनाव के दौरान एक-दूसरे की न केवल मदद करते रहे हैं बल्कि संकट की स्थिति में दोनों परिवार एक-दूसरे के साथ खड़े दिखाई दिए हैं। पंजाब में एक समय ऐसा भी आया था जब प्रकाश सिंह बादल सत्ता में रहते हुए विदेश दौरे पर गए थे तो उन्होंने संत हरचंद सिंह लौंगोवाल की बरसी के कार्यक्रमों के आयोजन की जिम्मेदारी ओमप्रकाश चौटाला को सौंप दी थी।
सूत्रों के अनुसार यह परिवारिक संबंध ताऊ देवीलाल के समय में स्थापित हुए थे। जब प्रकाश सिंह बादल ने अपनी बेटी की शादी तय कर दी थी और उन्हें जेल पड़ गया था। बादल की अनुपस्थिति में उनकी बेटी का कन्यादान देवीलाल ने किया था। जिसके बाद बादल व देवीलाल पगड़ी बदल भाई बन गए थे। उसके बाद से लेकर आजतक दोनों परिवारों के रिश्ते उसी तरह से बने हुए हैं।