समीति ने दोनों को बताया अनुशासनहीन
दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह पर 7 अक्तूबर, 2018 को गोहाना में चौधरी देवी लाल के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान दिवस रैली में नारेबाजी करवाने के आरोप लगाए गए थे। इनेलो के चंडीगढ स्थित कार्यालय से जारी बयान के अनुसार चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी कार्यालय को सूचित किया है कि वास्तव में इस मामले में उन्हें किसी भी बाहरी प्रमाण की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वे स्वयं उस आयोजन में उपस्थित थे और उन्होंने अनुशासनहीनता और हुड़दंगबाजी की घटनाएं स्वयं देखी और यह भी देखा कि स्वयं उनके भाषण में भी लगातार बाधा डाली गई परंतु फिर भी उन्होंने इस पूरे मामले को अनुशासन समीति को सौंपा था। समीति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि दोनों अनुशासनहीनता के दोषी हैं।
ओपी चौटाला के लिए आसान था यह फैसला लेना?
उन्होंने यह भी कहा कि यह देखते हुए कि दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय सिंह उनके अपने परिवार के हैं, इसलिए उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई करना उनके लिए सरल निर्णय नहीं था। किन्तु वे जीवनपर्यंत जननायक चौधरी देवीलाल के सिद्धांतों और आदर्शों की पालना करते रहे हैं और जननायक की तरह ही वह भी यह मानते हैं कि पार्टी किसी भी व्यक्ति विशेष या परिवार के सदस्य से बड़ी होती है। अतः वे इस मामले में अनुशासन समीति की सिफारिशों से सहमत हैं। इसलिए उन्होंने पार्टी कार्यालय को यह निर्देश दिया है कि उनके निष्कासन के फैसले को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए।