ज्यादा या तेज बोलने से भी गले में हो सकती है तकलीफ
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ज्यादा या तेज बोलने से भी गले में हो सकती है तकलीफ
सवाल- मेरी आवाज करीब दो साल से बदल गई है। बोलने पर ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। ज्यादा बोलने पर छाती में दर्द होता है। काफी इलाज और जांचों के बाद से आराम नहीं मिल रहा है।
-विष्णु चंद्र, करौली
जवाब- स्वरयंत्र में दो वोकल कॉर्ड होते। इनमें तकलीफ से आवाज बदल जाती है। तेज बोलने, चिल्लाने से इनमें सूजन या दाने जैसे वोकल नोड्यूल बन जाते हैं। धूम्रपान से भी आवाज बदल जाती है। यह कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। एसिडिटी के कारण भी ऐसा होता है। इसलिए खूब पानी पीएं। ज्यादा तला-भुना खाने से परहेज करें। समय से डॉक्टर को दिखाएं। इसमें दूरबीन की जांच करवा सकते हैं। अगर आवाज के बदलाव 15 दिनों से अधिक है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। स्थिति गंभीर हो सकती है। ज्यादा लगातार बोलें नहीं। पेट को ठीक रखें। पेट का एसिड से भी ऐसी दिक्कत हो सकती है।
सवाल- मेरे पापा को काफी समय से सुगंध नहीं आ रहा है। इसका इलाज क्या है।
एक पाठक
सवाल- मेरी उम्र 62 वर्ष है। मुझे सुगंध और दुगंध का पता नहीं चलता है। इसका कारण क्या है। क्या इसका इलाज हो सकता है?
केदार, जयपुर
जवाब- गंध न आना एनोस्मिया कहलाता है। अगर कोरोना के कारण ऐसा है तो यह दिक्कत छह माह तक रह सकती है। अगर ऐसा नहीं है तो यह कई कारणों से हो सकता है। कोरोना संक्रमण के बाद कुछ लोगों में छह माह तक यह दिक्कत रहती है। अन्य कारणों में एलर्जी, जुकाम-साइनस, नाक के अंदर सूजन या पॉलिप बनना, तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी, चोट लगना आदि। डॉक्टर को दिखाएं। दूरबीन की जांच से कारण पता चल जाएगा। धूल, धुआं व ठंड से बचें।
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