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गर्भवती और ये मरीज डॉक्टरी सलाह बिना न करें करवाचौथ व्रत

locationजयपुरPublished: Oct 26, 2018 09:53:58 pm

Submitted by:

Rashi Bishnoi

लो बीपी की समस्या में ज्यादा देर तक भूखा रहने से बीपी कम हो सकता है। इससे बेहोशी, हाथ-पांव ठंडे होकर जकडऩ जैसी समस्या हो सकती है। थोड़े अंतराल पर फलाहार जरूर लें।

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गर्भवती और इन बीमारियों के मरीज डॉक्टरी सलाह बिना के न करें करवाचौथ व्रत

जयपुर. करवाचौथ का व्रत महिलाएं पति की लम्बी उम्र और युवतियां अच्छा पति पाने के लिए करती हैं। बहुत सी महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, जिससे शरीर में पानी व जरूरी पोषक तत्त्वों की कमी भी हो सकती है। ऐसे में व्रत से पहले और व्रत के बाद खाने-पीने की आदतें सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। इस कारण कई महिलाओं को शाम होने तक चक्कर आते हैं। जानते हैं, करवाचौथ पर कैसे अपनी सेहत का ख्याल रखें।
व्रत से पहले न खाएं मीठी चीजें
महिलाएं अक्सर व्रत से एक दिन पहले हैवी डिनर करती हैं। बदहजमी की दिक्कत हो सकती है। व्रत से पहले सुबह मीठा व ऐसा कुछ न खाएं जिससे प्यास ज्यादा लगे। मीठा खाने से प्यास ज्यादा लगती है।
व्रत के बाद न पीएं चाय-कॉफी
व्रत खोलने के बाद हैवी खाना तला-भुना फ़ास्ट-फ़ूड न लें। यदि लेते हैं तो गैस, एसिडिटी और पेट संबंधी समस्या हे सकती है। सबसे पहले आधा गिलास पानी पीएं। इसके बाद सूप या कम फैट का दूध ले सकती हैं। फिर फल, सूखे मेवे और संतुलित व सुपाच्य खाएं। सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा। व्रत रखने के बाद कमजोरी लगने पर प्रोटीन से भरपूर आहार लें। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी। इसके अलावा नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी और मौसमी का जूस और दही के साथ फलों का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्रत के तुरंत बाद चाय और कॉफ़ी न पीएं, इससे एसिडिटी हो सकती है।
लो बीपी के मरीज तो रखें विशेष ध्यान
लो बीपी की समस्या में ज्यादा देर तक भूखा रहने से बीपी कम हो सकता है। इससे बेहोशी, हाथ-पांव ठंडे होकर जकडऩ जैसी समस्या हो सकती है। थोड़े समय के अंतराल पर फलाहार जरूर लें। इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी। गैस की दिक्कतमें व्रत शुरू करने से पहले तली चीजें खाने से सिरदर्द, एसिडिटी बढ़ सकती है। मधुमेह, दवा लेने वाले और गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर की सलाह के बिना व्रत न करें।
गर्भवती महिलाओं की दिनचर्या
गर्भवती डॉक्टर की सलाह से व्रत करें तो खानपान का ख़ास ख्याल रखें। निर्जल व्रत न रखें, हर दो घंटे के बाद फलाहार और पौष्टिक आहार का इस्तेमाल करना चाहिए। पानी ना पीने से डिहाइड्रेशन होने का खतरा रहता है। दिनभर भूखे-प्यासे रहने से गर्भवती के शरीर में हाइपोग्लाइसिमिक शुगर का लेवल गिर सकता है। गर्भावस्था के आखिरी तीन महीने में व्रत न रखें। व्रत के दौरान बेहोशी, चक्कर और उल्टी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। जूस, मिल्क शेक्स, फ्रूट्स, रायता, मीठी लस्सी और खाने में साबूदाने खिचड़ी या टिकिया इस्तेमाल कर सकते हैं। शुरुआत के तीन महीनों में जिन महिलाओं को जी मिचलाना, उल्टी जैसी समस्या होने पर व्रत रखने की सलाह नहीं दी जाती है। गर्भावस्था के आखिरी तीन महीनों में व्रत में भूखे-प्यासे रहने से गर्भ में भ्रूण की हलचल धीमी हो जाती है। कुछ महिलाओं में पानी की कमी पायी जाती है, उन्हें व्रत नहीं करना चाहिए, बच्चे की ह्रदय गति अनियंत्रित हो सकती है।
सरगी में सुबह ड्राई फ्रूट्स लें
करवाचौथ के व्रत में सुबह सरगी खाई जाती है, जिसके बाद महिलाएं दिनभर भूखे रहकर व्रत करती हैं। सरगी में सुबह ड्राई फ्रूट्स लें, जिससे दिनभर भूख नहीं लगेगी और ऊर्जावान रहेंगें। गुनगुना दूध ले सकते हैं।
-डॉ. मेघा शर्मा, गायनेकोलॉजिस्ट जयपुर
– डॉ. लीनेश्वर हर्षवर्धन, फिजिशियन, एसएमएस जयपुर

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