scriptअब देश भर में मिलेंगे सिर्फ ‘नेक्स्ट’ प्रमाणित डॉक्टर | Only 'Next' certified doctors will meet all over the country | Patrika News

अब देश भर में मिलेंगे सिर्फ ‘नेक्स्ट’ प्रमाणित डॉक्टर

locationनई दिल्लीPublished: Jul 13, 2019 04:48:15 pm

Submitted by:

Mukesh Kejariwal

प्राइवेट कॉलेज के छात्रों को भी ‘नेशनल एक्जिट टेस्ट’ के बाद ही मिलेगी एमबीबीएस डिग्री
पीजी में दाखिले के लिए अलग से नीट-पीजी की जरूरत समाप्त होगी

Doctors

अब देश भर में मिलेंगे सिर्फ ‘नेक्स्ट’ प्रमाणित डॉक्टर

नई दिल्ली। अब किसी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज से निकले डॉक्टर की प्रतिभा को ले कर आपको आशंकित होने की जरूरत नहीं होगी। मेडिकल कॉलेज प्राइवेट हों या सरकारी, अब इनके छात्रों की परीक्षा एक ही होगी। इन्हें एमबीबीएस की डिग्री तभी मिलेगी जब ये सरकारी परीक्षा ‘नेशनल एक्जिट टेस्ट’ यानी ‘नेक्स्ट’ को पास करेंगे।

इसके बाद इन्हें स्पेशलाइजेशन वाले पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अलग से नीट-पीजी का इम्तिहान नहीं देना होगा। नेक्स्ट के अंकों के आधार पर ही इन्हें पीजी में प्रवेश मिल सकेगा। केंद्र सरकार मेडिकल पढ़ाई में अहम बदलावों के लिए राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक संसद के इसी सत्र में पेश करने की तैयारी कर रही है।

क्या होगी नई व्यवस्था

बिल में प्रावधान किया गया है कि देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र को पढ़ाई के अंत में एक साझा परीक्षा पास करनी होगी। इसे राष्ट्रीय स्तर पर सरकार आयोजित करेगी। पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में छात्र इसमें बैठ सकेंगे। इस परीक्षा के बाद ही उन्हें डिग्री मिलेगी और प्रैक्टिस करने की इजाजत होगी। इसी तरह आगे के पाठ्यक्रमों में दाखिला भी इसके अंकों के आधार पर ही मिलेगा।

मेडिकल छात्रों पर प्रभाव

अब तक पीजी में दाखिले के लिए छात्रों को एमबीबीएस के बाद अलग से ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ (नीट)- पीजी में बैठना होता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद उन्हें एमबीबीएस पूरा करने के बाद नए सिरे से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी नहीं करनी होगी।

आम लोगों के लिए क्या मायने

प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पाठ्यक्रम तो सरकारी कॉलेजों के समान होता है, लेकिन परीक्षा ये खुद लेते हैं। ऐसे में अक्सर इनसे निकलने वाले डॉक्टरों को ले कर लोग आशंकित भी रहते थे। नई व्यवस्था में बिना नेक्स्ट पास किए कोई प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा।

कानून बनने की क्या होगी प्रक्रिया

अगले कुछ दिनों में केंद्र सरकार की कैबिनेट इसे नए सिरे से मंजूरी देगी। फिर इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल पास होने के बाद भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) कानून 1956 की जगह ले लेगा।

क्यों नाकाम रहा पिछला प्रयास

पिछली मोदी सरकार के दौरान भी ऐसा बिल संसद में लाया गया था। मगर इसमें एमबीबीएस पास करने के बाद अलग से एक्जिट परीक्षा का प्रस्ताव था। संसद की स्थायी समिति ने उसे गैर-जरूरी बताया था। इसके बाद नए मसौदे में अलग से एक्जिट परीक्षा आयोजित करने की बजाय एमबीबीएस की अंतिम परीक्षा को ही एक्जिट परीक्षा बना दिया गया है। मूल बिल दिसंबर, 2017 में ही लोकसभा में पेश किया गया था।

—————————

 

नई शिक्षा नीति में भी प्रावधान

पिछले दिनों केंद्र सरकार ने जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया है, उसमें भी यह प्रावधान है। इसमें कहा गया है, ‘जिस तरह एमबीबीएस में साझा प्रवेश परीक्षा के तौर पर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) शुरू की गई है, उसी तरह एमबीबीएस के लिए साझा एक्जिट एक्जाम भी शुरू की जाएगी, जो पीजी के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए भी उपयोगी साबित होगी।’

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो