संगठन ने देशों से शराब के उपयोग पर नियंत्रण लगाने के उपयों के बारे में जानकारी मांगी है। डब्ल्यू एच ओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम गेबेरियस कहा – स्वस्थ समाज के विकास के लिए इस गंभीर खतरे के खिलाफ बड़े कदम उठाने का समय आ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिवर्ष शराब के सेवन से होने वाली कुल मौतों में 28 प्रतिशत शराब के उपयोग से संबंधित घटनाओं ,जैसे नशे में वाहन चलाना एवं घर में मारपीट ,स्वयं को नुकसान पहुंचाने आदि से होती हैं, 21 प्रतिशत पाचन शक्ति में खराबी आने के कारण ,19 प्रतिशत दिल से संबंधी बीमारियों की वजह से और शेष मौतें कैंसर, खतरनाक संक्रमण, मानसिक बीमारियों एवं अन्य स्वास्थ्य कारणों से होती हैं।
डॉ गेबेरियस ने कहा कि शराब के अत्यधिक उपयोग से ने केवल इसका सेवन करने वाला व्यक्ति बल्कि उसका परिवार भी भारी समस्याओं का सामना करता है।उन्होंने कहा – शराब के सेवन से बड़ी संख्या में लोग और उनके परिवार के सदस्य परेशानियों का सामना करते हैं। शराब के अत्यधिक सेवन से बड़ी संख्या में लोग कैंसर और पक्षाघात की चपेट में आ रहे हैं। इसके अलावा इसके कारण मानसिक हालत बिगडऩे पर समाज में हिंसक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है।
200 से ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी समस्या शराब पीने की वजह से लिवर सिरॉसिस और कई तरह के कैंसर समेत 200 से ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां होती हैं। वैश्विक तौर पर वर्ष 2016 में शराब से जुड़ी मौतों का आंकड़ा करीब 30 लाख था। यह इस संबंध में अब तक का सबसे नया आंकड़ा है। अपनी रिपोर्ट में
WHO ने कहा कि करीब 23.7 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिलाएं ऐल्कॉहॉल से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर यूरोप और अमेरिका में रहने वाले हैं। यूरोप में प्रति व्यक्ति शराब की खपत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है जबकि वहां 2010 के मुकाबले अब शराब की खपत में 10 फीसदी तक की कमी आई है।