जापान के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि JN.1 वैरिएंट से खतरे से निपटने के लिए तत्काल शोध की जरूरत है। इसका तेजी से फैलना और टीकों से बचने की क्षमता इसे खतरनाक बनाती है।
प्रोफेसर केई सातो (टोक्यो विश्वविद्यालय) का कहना है कि “JN.1 वैरिएंट पर शोध से हमें न सिर्फ कोरोना को समझने में मदद मिलेगी बल्कि भविष्य की महामारियों से लड़ने के लिए भी जरूरी जानकारी मिल सकती है।”
JN.1 वैरिएंट के उभरने से ये साफ हो गया है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर लगातार निगरानी और शोध जरूरी है। इससे हम इस वायरस से बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे।