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इलेक्शन 2019 स्पेशल…आजसू पार्टी व झामुमो के बागी जेपी भाई पटेल ने जयंत सिन्हा का रास्ता किया आसान

locationहजारीबागPublished: May 05, 2019 05:09:04 pm

Submitted by:

Prateek

हजारीबाग लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 16 लाख 64 हज़ार है…

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(हजारीबाग): हजारीबाग लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी और केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के खिलाफ कांग्रेस ने गोपाल साहू को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं आजसू पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बागी विधायक जयप्रकाश भाई पटेल का समर्थन मिल जाने से उन्हें चुनाव में बड़ी राहत मिली है।

 

भाजपा प्रत्याशी जयंत सिन्हा को रामगढ़ में आजसू पार्टी विधायक चंद्रप्रकाश चौधरी के अलावा बड़कागांव में आजसू पार्टी संगठन तथा मांडू में झामुमो के बागी विधायक जेपी पटेल का समर्थन मिल जाने से क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्त्ता दोगुने उत्साह के साथ चुनाव प्रचार के बाद अब बूथ मैनेजमेंट को अंतिम रूप देने में जुटे है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल प्रसाद साहू को बरही विधायक मनोज कुमार यादव और बड़कागांव विधायक निर्मला देवी तथा हजारीबाग के पूर्व विधायक एवं रामगढ़ राजपरिवार के युवराज सौरभ नारायण सिंह का मजबूती से समर्थन मिल रहा है, जबकि क्षेत्र में तेली और वैश्य समाज के वोटों पर भी कांग्रेस की नजर है। दूसरी तरफ हजारीबाग के पूर्व सांसद रहे भाकपा के भुवनेश्वर प्रसाद मेहता फिर से चुनाव मैदान में है। वे लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे है।

 

हजारीबाग लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 16 लाख 64 हज़ार है जिसमे पुरुष मतदाताओं की संख्या तकरीबन 8 लाख 90 हज़ार है जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 80 हज़ार है। 6 मई को होने वाले मतदान के लिए 2278 बूथ बनाए गए है। पिछली बार यहां से भाजपा के जयंत सिन्हा ने चुनाव जीता था जो वर्तमान सांसद और केंद्र में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री भी है। 2009 में ये सीट जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा ने जीती थी, लेकिन इस चुनाव में यशवंत सिन्हा ने चुप्पी साध रखी है, हालांकि समय समय पर यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर कटाक्ष करते रहते है।


लोकसभा चुनाव में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में प्रमुख मुद्दा, खनन के लिए किये गये जमीन अधिग्रहण से विस्थापन और सिंचाई तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वहीं भाजपा इस चुनाव को राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लड़ने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस विस्थापन और रोजगार को मुद्दा बना रही है।

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