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पूरा परिवार है पीड़ित महाराष्ट्र से रिश्तेदारी में आए एक दंपति की अचानक तबीयत बिगड़ गई। दवाओं से फायदा न हुआ तो बागला जिला अस्पताल पहुंचे। यहां जांच में न सिर्फ युवक को बल्कि उसकी पत्नी व तीनों बच्चों को भी एचआईवी की पुष्टि हुई। तीनों बच्चे अभी सात साल से छोटे हैं। यही स्थिति चार माह पूर्व एक सरकारी कर्मचारी की जांच में निकली। कर्मचारी की पत्नी व दोनों बच्चे भी संक्रमित निकले। अब संक्रमण से पैदा हो रही नई-नई बीमारियों का इलाज हो रहा है।
पूरा परिवार है पीड़ित महाराष्ट्र से रिश्तेदारी में आए एक दंपति की अचानक तबीयत बिगड़ गई। दवाओं से फायदा न हुआ तो बागला जिला अस्पताल पहुंचे। यहां जांच में न सिर्फ युवक को बल्कि उसकी पत्नी व तीनों बच्चों को भी एचआईवी की पुष्टि हुई। तीनों बच्चे अभी सात साल से छोटे हैं। यही स्थिति चार माह पूर्व एक सरकारी कर्मचारी की जांच में निकली। कर्मचारी की पत्नी व दोनों बच्चे भी संक्रमित निकले। अब संक्रमण से पैदा हो रही नई-नई बीमारियों का इलाज हो रहा है।
यह भी पढ़ें सपा कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का फूंका पुतला, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगे नारे आठ माह में दोगुने मामले हाथरस में बीते आठ माह में ही पिछले साल के मुकाबले दोगुने मामले मिल चुके हैं। बागला अस्पताल में जनवरी से अगस्त तक 4407 की जांच में इस साल 56 एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं। पिछले साल 6504 की जांच में 25 पॉजिटिव मिले थे।
यह भी पढ़ें वाइल्ड लाइफ किस तरह बदल रही कलंदरों का रही जीवन, देखें वीडियो ला-लाइज है रोग विशेषज्ञों के अनुसार एचआईवी वायरस रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली को घटा देता है। इससे कोई भी रोग हमला बोल देता है। एचआईवी का संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध बनाने, एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ने, संक्रमित इंजेक्शन लगाने से होता है। मां संक्रमित हो तो गर्भ में पल रहा भ्रूण भी लपेटे में आ सकता है। इससे बचाव के लिए जन्म के 72 घंटे के अंदर इंजेक्शन दिया जाता है।
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काउंसलिंग से हो रहा बीमारी का बचाव मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. ब्रजेश राठौर का कहना है कि एचआईवी मरीजों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है। जिला अस्पताल के सेन्टर में रोगियों की काउंसलिंग की जा रही है। बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं।
काउंसलिंग से हो रहा बीमारी का बचाव मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. ब्रजेश राठौर का कहना है कि एचआईवी मरीजों की संख्या पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है। जिला अस्पताल के सेन्टर में रोगियों की काउंसलिंग की जा रही है। बचाव के तरीके भी बताए जा रहे हैं।
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हाथरस में हुआ उल्टा जुलाई में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि बीते सात साल में भारत में एचआईवी संक्रमण व मौत का आंकड़ा घटा है। वर्ष 2010 में नए संक्रमण के 1.20 लाख मामले थे, जो वर्ष 2017 में घटकर 88 हजार रह गए। एड्स (Acquired immunodeficiency syndrome) से मौत 1.60 लाख से घटकर 69 हजार रह गईं, जबकि एचआइवी संक्रमित कुल 23 लाख से घटकर 21 लाख रह गए। हाथरस में उल्टा हो गया।
हाथरस में हुआ उल्टा जुलाई में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि बीते सात साल में भारत में एचआईवी संक्रमण व मौत का आंकड़ा घटा है। वर्ष 2010 में नए संक्रमण के 1.20 लाख मामले थे, जो वर्ष 2017 में घटकर 88 हजार रह गए। एड्स (Acquired immunodeficiency syndrome) से मौत 1.60 लाख से घटकर 69 हजार रह गईं, जबकि एचआइवी संक्रमित कुल 23 लाख से घटकर 21 लाख रह गए। हाथरस में उल्टा हो गया।